परिवार एक माला है, जो प्रेम के धागे में पिरोई जाती है। सारे सदस्य इसके मोती हैं। एक मोती भी कम हो, टूट जाए, छूट जाए तो माला की सुंदरता खत्म हो जाती है। परिवार को सहेजें।
परिवार के हर एक सदस्य का परिवार में बराबरी का महत्व होता है। हम परिवार के बिना अधूरे हैं। हम किसी भी परिस्थिति में रहें लेकिन हमेशा परिवार को साथ रखें। यह ऊर्जा और प्रेरणा दोनों का काम करते हैं।
महाभारत में पांडवों को देखिए। कोई भी परेशानी हो, इंद्रप्रस्थ का निर्माण हो या वनवास। पांडव हर समय साथ रहते थे। जुए में हारने के बाद पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और एक वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। दुर्योधन उन्हें लगातार परेशान करने में लगा था। बड़े भाई के कारण पूरा परिवार वनवास में भटकने को मजबूर हो गया लेकिन कोई भी भाई अपने बड़े भाई के विरुद्ध नहीं गया। सबने युधिष्ठिर के जुए में हार जाने के बाद भी परिवार को बिखरने नहीं दिया।
ये आश्चर्यजनक है कि पांचों भाइयों ने सभी संकटों को मिल कर सामना किया। ये परिवार की ही शक्ति थी कि इतनी परेशानियों के बाद भी उन्होंने अपना राज्य और सम्मान फिर प्राप्त कर लिया।
हमेशा याद रखें परिवार को साथ लेकर चलेंगे तो बड़े-बड़े संकट भी छोटे लगेंगे। परिवार को एक रखिए। यह हमारी सम्पत्ति भी है और हमारी प्रेरणा भी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 नवंबर 2011
मुसीबतों पर जीत चाहते हैं, तो ऐसे रहें परिवार में...
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