धारीवाल ने मिडिया की मनमानी का दर्द बयान किया तो उसे समझने की जगह उसे दूसरी तरह से खबर बना डाला

दूसरी यह कि मेरा पावर कम कर दिया जाएगा। इसके साथ ही धारीवाल ने शायराना अंदाज में अपने दर्द-ए-दिल से कुछ यूं बयां किया, ‘अपनी ही आग से दिन भर जलेगा सूरज, फिर किसी गहरे समंदर में उतर जाएगा सूरज, आज हम-तुम बैठकर मिल रहे हैं गनीमत जानो, किसको मालूम कल कौन किधर जाएगा।’ जी हाँ दोस्तों कोटा के दबंग मंत्री शांति धारीवाल ने अपना शायराना अंदाज़ मीडिया पर मनगढ़ंत खबरों के मामल में जब तल्ख टिपण्णी के साथ किया तब भी यह नादान मिडिया ना समझा और शांति धारीवाल के दर्द को दरकिनार करते हुए मिडिया ने उसे भी मनमाने तोर पर खबर बना दिया ..दोस्तों इस कार्यक्रम में अधिकतम बुद्धिजीवी थे शांति धारीवाल का मतलब केवल मिडिया को आयना दिखाना था के लोग आते जाते रहते है लेकिन रोज़ गोस्पिंग खबरें जिनका कोई ओचित्य नहीं वोह नहीं दिखाना चाहिए लेकिन मिडिया तो मिडिया ठहरा कार्यक्रम से उठा और चेनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चला दी ..दुसरे अख़बारों ने भी अपनी भूल सूधारने की जगह इसे ही खबर बना डाली कार्यक्रम में क्या हुआ मंत्री क्या बोले कलेक्टर ..पूर्व संसद और विधायक क्या बोले सब नदारद बस मनमानी खबर बना दी तोबा है भाई इस मिडिया से तो ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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sahee baat kahe hai aapne , media ko bhee sv-chintan karna hoga
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