बोलिविया के कुछ लोग एक बहुत पुरानी परंपरा आज भी निभा रहे हैं। इससे वहां का चर्च नाराज़ है। वहां साल में एक बार ‘माकाब्रे डे’ मनाया जाता है, जिसे ‘डे ऑफ द स्कल्स’ भी कहा जाता है। यह उत्सव मरे हुए लोगों के अवशेष और खोपड़ियों के साथ मनाया जाता है।
देश की राजधानी लापाज में लोग कब्रस्तानों से मरे हुए अज्ञात लोगों की खोपड़ियां निकाल लेते हैं। खोपड़ियों को सजाया जाता है। किसी के सिर पर हैट लगाई जाती है, किसी को चश्मा पहनाते हैं इतना ही नहीं किसी के मुंह में सिगरेट भी रख दी जाती है। सभी के सर पर फूलों का ताज रखा जाता है। बोलिविया के चर्च इसे मूर्ति पूजा का दर्जा देते हैं और गलत मानते हैं। उन्हें अफसोस है कि देश की ज्यादातर जनता इस प्रथा में उलझी हुई है। वहां पुराने लोगों का मानना था कि आदमी के शरीर में सात आत्माएं होती हैं, जिनमें से एक खोपड़ी में रहती है। इस आत्मा के पास लोगों के सपने में आने की शक्ति होती है और यह लोगों की सुरक्षा करती है। इसलिए वे लोग इसे कांच के बक्सों में इन्हें सजाकर घर में रखते हैं। इन खोपड़ियों को नाम भी दिया जाता है।
लाइसा पेरेज़ नामक महिला के घर में एक खोपड़ी पिछले 24 साल से रखी हुई है। वे बताती हैं कि यह मेरे घर की हिफाजत करती है, चोरों को डराती है और मेरे परिवार की सुरक्षा करती है, इसलिए मैं इसकी पूजा करती हूं। चर्च के रेवरेंड जैएमे फर्नेडेज ने इस साल लोगों को आर्शिवाद देने से इंकार कर दिया लेकिन उनकी गुजारिश पर एक छोटी सी प्रार्थना करने के लिए तैयार हो गए थे। वे कहते हैं कि यह गलत तरीका है। कब्रों को नहीं छेड़ा जाना चाहिए और उनकी आत्माओं को शांती में रहने देना चाहिए।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 नवंबर 2011
हैरतंगेज प्रथा-कहते हैं ऐसा करने के बाद खुद 'आत्मा' आपकी रक्षा करती है
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