लखनऊ. भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रहे आध्यात्मकि गुरु श्री श्री रविशंकर के अमेठी न जाने पर विवाद और रहस्य गहराता जा रहा है। श्री श्री रविशंकर को आज अमेठी के टीकरमाफी में मौजूद परमहंस महाराज के आश्रम के शताब्दी समारोह में जाना था। लेकिन कार्यक्रम से चार दिन पहले यानी बीते 6 नवंबर को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के पास आश्रम की तरफ से एक चिट्ठी आई जिसमें उनका न्योता रद्द करने की बात कही गई।
आज एक निजी चैनल के हाथ लगी इस चिट्ठी में परमहंस महाराज की तरफ से कहा गया है कि विशेष विषम परिस्थिति के चलते वह श्री श्री रविशंकर को नहीं बुला पा रहे हैं। हाथ से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि आपको (श्री श्री रविशंकर) भविष्य में होने वाले कार्यक्रम में बुलाया जाएगा।
लेकिन जब परमहंस महाराज से इस चिट्ठी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी कोई चिट्ठी किसी को नहीं भेजी है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि उन्हें अमेठी में परमहंस महाराज के आश्रम के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने जाना था। लेकिन आयोजकों के ऊपर दबाव पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने वहां न जाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि अमेठी कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। श्री श्री रविशंकर पिछले चार दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। आज शाम को उन्हें आईआईटी, कानपुर में छात्रों को संबोधित करना है। इसके साथ ही उनकी उत्तर प्रदेश यात्रा का समापन हो जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने श्री श्री रविशंकर को आरएसएस का प्लान सी बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। जबकि श्री श्री यह कहते रहे हैं कि वह किसी पार्टी के साथ नहीं हैं। बल्कि हर पार्टी उनके लिए बराबर है। उनका कहना है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि लोगों में नैतिक मूल्य बढ़े। वे अपने अभियान के तहत लोगों से घूस न लेने और न ही देने की प्रतिज्ञा भी करवाते हैं।
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