नई दिल्ली. 16 अक्टूबर से मौन व्रत पर गए गांधीवादी अन्ना हजारे ने राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचकर अपना मौनव्रत त्याग दिया। 19 दिन का अपना व्रत तोड़ते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें इस व्रत से नई ऊर्जा मिली है और अब एक बार फिर वो लड़ने के लिए तैयार हैं।
मौन व्रत तोड़ने के बाद मीडिया से बात करते हुए अन्ना हजारे ने कहा मौन व्रत किसी व्यक्ति पक्ष या पार्टी के विरोध में नहीं था। रामलीला मैदान में 12 दिन अनशन के बाद मेरा स्वास्थ्य कमजोर हो गया था। साढ़े सात किलो वजन कम हो गया था और ब्लड प्रैशर भी काफी गिर गया था। इसके बाद शरीर से कुछ तकरार शुरु हो गई। बहुत लोग मिलने आ रहे थे इसलिए मेरे सामने मौन पर जाना ही एकमात्र रास्ता था
गांधी जी कहते थे कि मुश्किल समय में मौन करना चाहिए। मौन व्रत के कारण मेरा स्वास्थ्य काफी बेहतर हो गया है। इससे मुझे आंदोलन को आगे जारी रखने के लिए नई शक्ति मिली है। मुझे विश्वास है कि मैं अब लड़ने के लिए तैयार हो गया हूं। गांधी समाधि पर ध्यान में बैठे अन्ना की आंखों से आंसू भी निकल आए। अन्ना से जब टीम पर उठे सवालों के बारे में प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब वो प्रैस कांफ्रेंस करके देंगे।
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