जयपुर.हाईकोर्ट ने पुलिस जांच रिपोर्ट में वकील के खिलाफ टिप्पणी करने वाले हैड कांस्टेबल तेजपाल को रिटायरमेंट तक शहर से बाहर लाइन में रखने का निर्देश दिया है।
साथ ही रिपोर्ट से यह टिप्पणी हटा दी जिसमें कहा था कि, परिवादी ने अपने वकील के कहे मुताबिक ससुराल वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने यह आदेश देवेन्द्र चौहान की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।
न्यायाधीश ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वह प्रदेश के सभी पुलिस अफसरों व अनुसंधान अधिकारियों को निर्देश दें कि वे भविष्य में वकीलों के प्रति ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे
याचिका में कहा कि प्रार्थी की पक्षकार लक्ष्मी सैनी ने एसीपी (मुख्यालय) में ससुराल वालों से खतरा बताते हुए एक परिवाद दायर किया, जिसे एसीपी ने महेश नगर थाने भिजवा दिया। जांच रिपोर्ट में हैड कांस्टेबल तेजपाल ने लिखा कि, परिवादिया ने अपने वकील के कहे मुताबिक ससुराल वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
जांच रिपोर्ट को थानाधिकारी ने स्वीकार किया और एसीपी को भेज दिया। एसीपी ने रिपोर्ट पर परिवाद को खारिज कर दिया। पुलिसकर्मी की टिप्पणी को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि यह साक्ष्य अधिनियम के विरुद्ध है, और वकीलों से केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार और अन्य निकायों सहित जन साधारण कानूनी सलाह लेता है, लिहाजा टिप्पणी को हटाया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
कमिश्नर ने भी कोर्ट के समक्ष मानी गलत
सुनवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी ने अदालत में हाजिर होकर माना कि पुलिसकर्मी की टिप्पणी गलत है और भविष्य में पुलिस अफसर व अनुसंधान अधिकारी ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे।
महेश नगर थानाधिकारी संजय शर्मा ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने तेजपाल पर विश्वास कर जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर दिए थे। कोर्ट ने संजय शर्मा को निर्देश दिया कि वे भविष्य में किसी भी कागज पर बिना सोचे समझे हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
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