एक चुटकी नमक खाने का स्वाद बना या बिगाड़ सकता है। नमक के सेवन के बारे में अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं। वैसे नमक खाने में कोई बुराई नही है, मगर सही मात्रा म नमक का सेवन मेटाबोलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, साथ ही यह शरीर की नमी को बनाये रखने में सहायक होता है। पर इसका सही मात्रामें सेवन करना बेहद जरुरी है।
हमारे शरीर के लिये नमक की मात्रा निर्धारित है अगर नमक की मात्रा उससे कम या ज्यादा हुई तो संतुलन बिगड़ जाता है और तरह तरह के रोग शरीर पर हावी होने लगते हैं। नमक के अधिक प्रयोग से उच्चरक्त चाप तथा त्वचा रोग की चपेट में आ सकते है ।
प्राकृतिक नमक कम से कम पच्चीस प्रकार के होते हैं जिसमें चूना, आयोडीन, गंधक , कैल्शियम, फास्फोरस, क्लोरीन इसके मुख्य रूप हैं जो हमारे शरीर के लिये अत्यंत आवश्यक है। ये सभी हमें हर तरह की हरी साग सब्जियों से प्राप्त होता है । इसलिये अप्राकृतिक बाहरी नमक कम से कम खायें।अधिक नमक, अधिक प्यास, नतीजा जुकाम।अधिक बाहरी नमक का उपयोग न करें। इससे सिर्फ ब्लडप्रेशर ही नहीं बढ़ता बल्कि अधिक नमक का सेवन करने से बाल झड़ते हैं, गंजापन हो सकता है।
अधिक नमक अनिद्रा रोग को बढ़ावा देता है, कम नमक से अच्छी नींद आती है। वात रोग अधिक नमक से इसे बढ़ावा मिलता है। कम नमक का सेवन करें।गर्भावस्था में कम नमक का सेवन करें, इससे कई परेशानियों से दूर रहेंगी। अधिक नमक के सेवन से मोटापा बढ़ता है कारण अधिक नमक अधिक प्यास यानि ज्यादा पानी शरीर में। जहां तक हो सके, कम नमक लें।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 नवंबर 2011
अगर आप ज्यादा नमक खाते हैं तो एक बार इस आर्टिकल को गौर से पढ़ लें
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