राना की ओर से ये अवार्ड राना के मीडिया चेयरमैन प्रेम भंडारी भारत लेकर आए और धारीवाल के जयपुर स्थित निवास पर उन्हें समारोहपूर्वक सौंपा। उल्लेखनीय है कि धारीवाल को वर्ष 2009 में राना कैलिफोर्निया ने भी राजस्थान रत्न अवार्ड प्रदान किया था।
समारोह में सेबी के पूर्व अध्यक्ष डीआर मेहता, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के मुख्य न्यायाधीश एनके जैन, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एमडी कोरानी, पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक पदमपाल चंद भंडारी, जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर कमल मेहता, बगरू विधायक गंगादेवी, न्यूयार्क राना के अध्यक्ष हरिदास कोटेवाला सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर भंडारी ने कहा कि राना गैर राजनीतिक संगठन है। भंडारी ने शांति धारीवाल को अप्रवासियों की आवाज बताया। धारीवाल ने अवार्ड के लिए राना का आभार भी जताया।
कार्यक्रम में परफ्यूम व्यवसायी कनक गोलिया की ओर से महावीर विकलांग समिति के लिए तीन लाख रुपए का चेक शांति धारीवाल के हाथों सेबी के पूर्व अध्यक्ष डीआर मेहता को प्रदान किया गया।
राजस्थानी मान्यता के लिए छात्र नेता लामबंद
प्रेम भंडारी ने इस कार्यक्रम के बाद राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग के लिए जयपुर में छात्र नेताओं से मुलाकात की। भंडारी अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक हैं व राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जन-जागरण करने के लिए खासतौर से भारत लौटे हैं।
भंडारी ने छात्र नेताओं की ओर से इस मसले पर राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष प्रभा चौधरी के कार्यालय पर आयोजित एक बैठक मंे भाग लिया। इस अवसर पर छात्र नेताओं ने भंडारी को पुष्पगुच्छ भेंट कर राजस्थानी मान्यता आंदोलन में पुरजोर सहयोग का भरोसा दिलाया।
प्रभा चौधरी ने कहा कि राजस्थानी हम सबकी मातृभाषा है और इसके सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करना हमारा फर्ज है। चौधरी ने कहा कि इसके लिए शीघ्र ही पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया जाएगा। बैठक में कई कॉलेजों के छात्र संघ अध्यक्ष, छात्र नेता तथा विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
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