सबसे अधिक मुसीबत उन पेंशनरों की है जो सही ढंग से चलने फिरने लायक नहीं हैं और ग्रामीण इलाके से शहर आना पड़ता है। पेंशनरों के लिए शासन स्तर पर राष्ट्रीयकृत बैंकों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई है जो नाकाफी है। इसके अलावा फार्म में दिए गए सभी शर्तो जिसमें पुनर्विवाह नहीं किया है के साथ ही वे किसी शासकीय सेवा में कार्य नहीं कर रहे हैं और कई सारी जानकारी देनी पड़ती है जो उनके लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
लोगों के मुताबिक यदि किसी पेंशनर ने इस माह में फार्म जमा नहीं किया तो उसकी पेंशन आगामी माह में नहीं मिलेगी। इसके कारण न चाहते हुए भी लोगों को दूसरों की सहायता लेना और बैंकों में जाना मजबूरी बना हुआ है।
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