नई दिल्ली. क्रिकेट विश्वकप 1996 के सेमीफाइनल में श्रीलंका के हाथों भारतीय टीम की नाटकीय ढंग से हार का मामला तूल पकड़ने लगा है। उस वक्त ईडन गार्डन पर हुए इस मैच के पिच क्यूरेटर ने ताजा खुलासा किया है। क्यूरेटर कल्याण मित्रा ने कहा है कि अगर वह कप्तान होते तो पहले बल्लेबाजी चुनते लेकिन इस बारे में कोई भी फैसला कप्तान का होता है। तत्कालीन पिच क्यूरेटर कल्याण मित्रा ने कहा, ‘मेरे विचार से टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए थी हालांकि मैंने अजहर को कुछ नहीं बताया था। लेकिन एक बात समझ नहीं आ रही कि सचिन के आउट होने के बाद पिच क्यों टर्न लेने लगी?’
तत्कालीन भारतीय टीम के कप्तान और मुरादाबाद से कांग्रेस के सांसद मोहम्मद अजहरूद्दीन शुक्रवार को पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली पर बरस पड़े। अजहर ने कांबली के उस बयान पर सख्त ऐतराज जताया जिसमें कांबली ने कहा था कि उन्हें शक है कि 1996 विश्वकप सेमीफाइनल का मैच फिक्स था।
अजहर ने कहा कि कांबली ने उस समय की टीम के सदस्यों की बेइज्जती की है। पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें पहले गेंदबाजी करने के अपने फैसले पर अफसोस नहीं है। कांबली ने अजहर के इसी फैसले पर सवाल उठाए हैं।
अजहर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘हमने गेंदबाजी का फैसला किया। इस बारे में चर्चा हुई थी और यह पूरी टीम का फैसला था। विनोद जो कह रहे हैं वो बिल्कुल बकवास है। वह जरूर टीम की मीटिंग के वक्त सो रहे होंगे।’
कांबली ने कहा कि 1996 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के मैच के बाद उनका कॅरियर खत्म हो गया। हालांकि अजहर ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांबली उस मैच के बाद भी क्रिकेट खेले थे। कांबली खुद मूर्ख बन रहे हैं।
अजहर बोले, 'कांबली का बयान तीसरे दर्जे का है। कांबली को अपने मुंह पर टेप लगा लेना चाहिए। मुझे इस पर सफाई नहीं देनी है। अब बोलने का क्या मतलब है। मेरी कप्तानी में कैसे खेलते थे कांबली, उन्हें पता है।' अजहर यहीं नहीं रुके। उन्होंने कांबली के खेल और उनकी प्रतिभा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक-दो टेस्ट मैच खेलने वाले भी आजकल टीवी पर एक्सपर्ट बनकर कमेंट दे रहे हैं।
अजहर के बयान पर विनोद कांबली ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पूर्व कप्तान मेरा चरित्र हनन कर रहे हैं। विनोद का कहना है कि वह अजहर पर मुकदमा करेंगे। कांबली ने कहा, 'जहां तक बात मेरे क्रिकेट करियर की है तो उन्होंने रनों के अंबार लगाए हैं। मैंने दो दोहरे शतक लगाए हैं। उनके आंकड़े दुनिया के सामने हैं।' इस मामले पर तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा कि विनोद ने यह मुद्दा उस समय क्यों नहीं उठाया। उन्होंने पूछा कि वह 15 साल बाद क्यों बोल रहे हैं?
1996 का विश्व कप सेमीफाइनल खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर वेंकटपति राजू ने भी कांबली के आरोपों को सिरे से नकार दिया है, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू, नयन मोंगिया और मनोज प्रभाकर ने इस बारे में बात करने से इंकार कर दिया है।
तत्कालीन कप्तान अजहर के फैसले का समर्थन करते हुए वेंकटपति राजू ने कहा है कि यह टीम मीटिंग में पहले ही तय हो गया था कि भारत पहले फील्डिंग ही करेगा। श्रीलंका स्कोर का पीछा ज्यादा आसानी से कर सकता था इसलिए टीम ने तय किया था कि यदि टॉस जीते तो पहले फील्डिंग करें। राजू ने कहा है कि मैच से पहले टीम मीटिंग हुई थी और सिद्धू ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी की बात की थी, लेकिन उससे पहले दिल्ली में खेले गए मैच में जयसूर्या और कालूवितर्ना ने जबरदस्त फॉर्म का प्रदर्शन किया। श्रीलंका की योजना पहले 15 ओवर में 120 रन स्कोर करने की थी। भारत की ओर से पहले फील्डिंग करने का फैसला पूरी टीम का था, सिर्फ कप्तान ने यह फैसला नहीं लिया था। हमने शुरुआती ओवरों में ही श्रीलंका के दो विकेट गिरा दिए थे लेकिन अरविंद डिसिल्वा और रणतुंगा ने जबरदस्त गेम खेला।
कांबली के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तत्कालीन टीम मैनेजर अजित वाडेकर ने कहा कि मैच से पिछली रात में हुई टीम मीटिंग में फैसला लिया गया था कि भारत पहले फील्डिंग करेगा। वाडेकर ने कहा है कि श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को भी हराया था और वे सच में चैंपियन थे। अजित वाडेकर ने कहा कि उन्हें इस मैच पर कोई शक नहीं है। हालांकि पूर्व क्रिकेटर सिद्धू, मोंगिया और प्रभाकर ने इस बारे में बात करने से इंकार कर दिया है।
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर चेतन चौहान का मानना है कि बीसीसीआई को इस मामले को गंभीरता लेना चाहिए। चौहान के मुताबिक चूंकि कांबली उस वक्त टीम के सदस्य थे इसलिए उनके दावों की जांच की जानी चाहिए और दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और तत्कालीन वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द सीरीज रहे सनत जयसूर्या ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, 'कांबली के बयान से निराश हूं। 1996 वर्ल्डकप का सेमीफाइनल मुकाबला बिल्कुल साफ-सुथरा था।'
दिल्ली पुलिस का क्या है कहना?
यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली पुलिस ने अदालत की कार्यवाही और पाकिस्तान के क्रिकेटरों के कबूलनामें के आलोक में इस मामले की जांच फिर से शुरू करने की तैयारी है, स्पेशल ब्रांच में डिप्टी कमिश्नर अशोक चांद ने कहा कि इंग्लैंड में दर्ज मैच फिक्सिंग के मामले का दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज मामले से कोई लेना-देना नहीं है। चांद ने कहा, ‘हम जांच के दौरान इकट्ठा किए गए आवाज के नमूनों की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले की जांच फिर से करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हमने अपने सिरे से जांच कर ली और सीबीआई ने अपने तरीके से जांच की है।’
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