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25 नवंबर 2011

अन्ना के घर तक तमाचे की गूंजः पीटकर खदेड़े एनसीपी समर्थक, फिर मांग ली माफी


रालेगण सिद्धी.शरद पवार को थप्‍पड़ मारे जाने के बाद अन्‍ना हजारे की पहली प्रतिक्रिया के विरोध में एनसीपी कार्यकर्ताओं का गुस्‍सा भड़क गया है। शुक्रवार को वे अन्‍ना के गांव में ही हंगामे पर उतर आए और अनशन पर बैठ गए।
लेकिन अन्ना के गांववालों ने पीटकर खदेड़ दिया। देर शाम अन्ना के सहयोगी सुरेश पठारे ने एनसीपी समर्थकों की पिटाई पर माफी मांग ली।
पवार को तमाचा जड़े जाने पर अन्ना ने पहली प्रतिक्रिया देते हए कहा था कि क्या थप्पड़ मारा? बस एक ही मारा? अन्ना के इसी बयान के बाद से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समर्थक भड़के हुए हैं।
गुरुवार को कई शहरों में विरोध प्रदर्शन और अन्ना का पुतला फूंके जाने के बाद शुक्रवार को रालेगण सिद्धी में भी जमकर हंगामा हुआ। अन्ना समर्थकों और एनसीपी कार्यकर्ताओं में जमकर झड़प हुई और गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। एनसीपी कार्यकर्ता पूरे महाराष्‍ट्र में सड़कों पर उतर गए। मुंबई में अन्‍ना हजारे का पुतला भी फूंका गया और पुणे बंद का आयोजन किया गया। कई स्थानों पर जबरन दुकानें भी बंद करवाई गईं।


यह रहा घटनाक्रम
अन्ना की पवार को लगे तमाचे पर प्रतिक्रिया के बाद गुरुवार शाम को एनसीपी कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंचे थे और अपनी नाराजगी जाहिर की थी। अन्ना के जिले अहमदनगर में भी उनका पुतला फूंका गया था। लेकिन शुक्रवार सुबह करीब 11.30 बजे एनसीपी कार्यकर्ता रालेगण सिद्धी पहुंच गए और गांव की सड़कों पर घूमकर शरद पवार के समर्थन और अन्ना हजारे के विरोध में जमकर नारेबाजी की।

एनसीपी कार्यकर्ता यहीं नहीं रुके। वो अन्ना के गांव में अनशन करने पर डट गए। अन्ना के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कई एनसीपी कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गया। अन्ना के खिलाफ नारेबाजी होने से गांववालों का भी गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और दोनों पक्षों में झड़प हो गई। अन्ना के निजी सचिव और करीबी सहयोगी सुरेश पठारे ने धरने पर बैठे एनसीपी समर्थकों से सवाल किया कि जब महाराष्ट्र में किसानों पर गोली चलती है तब एनसीपी सड़क पर नहीं उतरती लेकिन पवार को थप्पड़ पड़ जाता है तो हंगामा करती है।


रालेगण में अनशन पर डटे एनसीपी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों में झड़प की भी खबर है। अन्‍ना के स्‍कूल के कुछ बच्‍चों ने पत्‍थर भी फेंके, जिसमें कई गाड़ियों के शीशे टूट गए। इस बारे में रालेगण के ग्राम प्रधान जय सिंह मापारी का कहना है कि एक साजिश के तहत अन्ना का विरोध किया जा रहा है। यह सब अन्ना की छवि धूमिल करने के लिए हो रहा है। किसी भी ग्रामीण ने कोई हिंसा नहीं की है। एनसीपी कार्यकर्ता स्वयं ही अपनी कारों में पत्थर रख कर लाए थे और उन्होंने खुद ही अपनी गाड़ियों के शीशे तोड़े। मापारी ने यह भी कहा कि अन्ना के खिलाफ नारेबाजी सुनकर स्कूल के कुछ छात्र भड़क गए और उन्होंने कुछ पत्थर फेंक दिए जो किसी को नहीं लगे। पुलिस ने मामला ज्‍यादा बढ़ने से रोक दिया। घटना के बाद अन्‍ना की सुरक्षा बढ़ाए जाने की खबर है।
हालांकि टीवी चैनलों की फुटेज में साफ दिख रहा है कि अन्ना के गांव में एनसीपी कार्यकर्ताओं को जबरन खदेड़ा गया और उनके साथ मारपीट हुई। देर शाम अन्ना की ओर से इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की गई और एनसीपी समर्थकों से माफी मांग ली गई।
अन्ना ने फिर की पवार को थप्पड़ मारे जाने की निंदा
हंगामा होता देख अन्ना हजारे भी बाहर निकल आए और एनसीपी समर्थकों से कहा कि पवार के साथ जो भी हुआ वो निंदनीय हैं लेकिन जब किसानों पर गोली चलती है तब एनसीपी विरोध नहीं करती और पवार को थप्पड़ मारे जाने पर हंगामा कर रही है।

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