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25 नवंबर 2011

इस्लामी नव वर्ष 27 से, जानें किस धर्म में कब मनाया जाता है नया साल?


दुनिया के विभिन्न धर्मों में नया साल एक उत्सव की अलग-अलग समय पर विभिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाता है। किसी धर्म में नाच-गाकर नए साल का स्वागत किया जाता है तो कहीं पूजा-पाठ व ईश्वर की आराधना कर। इस्लाम धर्म में नए साल की शुरुआत खुदा की इबादत से की जाती है।

इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने की पहली तारीख को मुस्लिम समाज का नया साल हिजरी शुरू होता है। इस्लामी या हिजरी कैलेंडर चंद्र आधारित है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में इस्तेमाल होता है, बल्कि दुनियाभर के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं। इस बार इस्लामिक नव वर्ष हिजरी सन् 1433 का प्रारंभ 27 नवंबर, रविवार से हो रहा है। जानते हैं किन-किन धर्मों में नव वर्ष कब मनाए जाने की परंपरा है।

हिंदू नव वर्ष

हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। इसे हिंदू नव संवत्सर या नव संवत कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। इसी दिन से विक्रम संवत के नए साल का आरंभ भी होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अप्रैल में आती है। इसे गुड़ी पड़वा, उगादि आदि नामों से भारत के अनेक क्षेत्रों में मनाया जाता है।

ईसाई नव वर्ष

ईसाई समाज 1 जनवरी को नव वर्ष मनाता है। करीब 4000 वर्ष पहले बेबीलोन में नया वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी। तब रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। तब से आज तक ईसाई धर्म के लोग इसी दिन नया साल मनाते हैं। यह सबसे ज्यादा प्रचलित नव वर्ष है।

सिंधी नव वर्ष

सिंधी नव वर्ष चेटीचंड उत्सव से शुरू होता है, जो चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है। सिंधी मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था जो वरुणदेव के अवतार थे।

सिक्ख नव वर्ष

पंजाब में नया साल वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो अप्रैल में आती है। सिक्ख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होला मोहल्ला (होली के दूसरे दिन) नया साल होता है।

जैन नव वर्ष

जैन नववर्ष दीपावली से अगले दिन होता है। भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन यह शुरू होता है. इसे वीर निर्वाण संवत कहते हैं।

पारसी नव वर्ष

पारसी धर्म का नया वर्ष नवरोज के रूप में मनाया जाता है। आमतौर पर 19 अगस्त को नवरोज का उत्सव पारसी लोग मनाते हैं। लगभग 3000 वर्ष पूर्व शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की। नव अर्थात् नया और रोज यानि दिन।

हिब्रू नव वर्ष

हिब्रू मान्यताओं के अनुसार भगवान द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे । इस सात दिन के संधान के बाद नया वर्ष मनाया जाता है। यह दिन ग्रेगरी के कैलेंडर के मुताबिक 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर के बीच आता है।



भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नव वर्ष

भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है । प्राय: ये तिथि मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती है।

- तेलगु नया साल मार्च-अप्रैल के बीच आता है।

- आंध्रप्रदेश में इसे उगादी (युगादि=युग+आदि का अपभ्रंश) के रूप में मनाते हैं। यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है।

- तमिल नया साल विशु 13 या 14 अप्रैल को तमिलनाडु और केरल में मनाया जाता है।

- तमिलनाडु में पोंगल 15 जनवरी को नए साल के रूप में आधिकारिक तौर पर मनाया जाता है।

- महाराष्ट्र में नया वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।

- कन्नड नया वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मानते हैं।

- मारवाड़ी नया साल दीपावली के दिन होता है।

- गुजराती नया साल दीपावली के दिन होता है।

- बंगाली नया साल पोहेला बैसाखी 14 या 15 अप्रैल को आता है।

- पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में इसी दिन नया साल होता है।

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