आपका-अख्तर खान

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12 नवंबर 2011

मुझे नासूर सा जख्म दे गया

मेरी जिंदगी में आकर
जो कांटे की तरह निकल कर
मुझे नासूर सा जख्म दे गया
आज उसी रिश्ते हुए जख्म के दर्द को देख कर
में सोचता हूँ
यमलोक में नरक के सिपाही केसे बेदर्द होते होंगे ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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