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01 नवंबर 2011

स्विस बैंक में अरबों रखने वाले 3 सांसदों से होगी पूछताछ, नाम न बताने पर भड़के वरुण

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नई दिल्‍ली. ऐसा लगता है कि विदेशों में काला धन जमा करने वाले राजनेताओं और उद्योगपतियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्‍ली के आयकर विभाग दफ्तर की ओर से तीन सांसदों को नोटिस भेजा गया है। ये तीन सांसद हरियाणा, उत्‍तर प्रदेश और केरल के हैं। इन्‍हें जेनेवा (स्विटजरलैंड) के एचएसबीसी बैंक में जमा इनकी अघोषित संपत्ति के बारे में स्‍पष्‍टीकरण देने के लिए नोटिस दिया गया है। इनमें से एक सांसद की 200 करोड़ रुपये की संपत्ति इस बैंक में जमा बताई जाती है।

मुंबई के एक उद्योगपति के खाते में तो जेनेवा स्थित इस बैंक में 800 करोड़ रुपये जमा हैं। इस उद्योगपति ने पूछताछ में यह बात मानी है।


भाजपा नेता वरुण गांधी ने ट्विटर पर लिखा है कि इन सांसदों के नाम सामने आने चाहिए। उन्‍होंने लिखा है, 'ये तीनों सांसद कौन हैं जिनकी विदेश में गैरकानूनी संपत्ति है। इन पर केवल टैक्‍स लगाना ही काफी नहीं होगा। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्‍मक कार्रवाई करनी चाहिए और विदेशों में जमा गैर कानूनी धन को राष्‍ट्र की संपत्ति घोषित करने के लिए कानून बनाना चाहिए। यदि इन लोगों की पहचान जल्‍द उजागर नहीं होती है तो मैं सूचना का अधिकार के तहत एक अर्जी भी दाखिल करुंगा। इन लोगों के नाम जरूर सामने आने चाहिए।'


काले धन के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर बढ़ते दबाव के बीच आयकर विभाग ने पिछले दो महीने के भीतर कम से कम 50 जगहों पर तलाशी की है। विभाग की यह कार्रवाई फ्रांस की सरकार की ओर से 700 बैंक खातों का ब्‍यौरा दिए जाने के बाद की गई है।

इसके अलावा कई खाता धारकों से 300 करोड़ रुपये वसूले भी गए हैं जबकि इस सूची में शामिल कई लोगों ने स्विस बैंकों में अपने खाते होने से इनकार किया है। लेकिन आयकर विभाग ऐसे करीब 300 मामलों की तहकीकात में जुटा है। इन खातों की जानकारी के अलावा आयकर विभाग के पास भारतीयों की ओर से विदेशों में किए गए लेन-देने के बारे में करीब 10 हजार सूचनाएं हैं। जांच अधिकारी इन मामलों की जांच में जुटे हैं और इनके बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश जारी है।

इसी तरह के लिंचेस्‍टाइन बैंक में गैर कानूनी तरीके से पैसा रखने वाले 18 लोगों के खिलाफ आयकर विभाग ने पेनल्‍टी लगाया है। इन लोगों के करीब 25 करोड़ रुपये विदेशों में जमा हैं जिनके नाम जर्मनी के अधिकारियों ने भारत से शेयर किए हैं।

सरकार ने केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से कहा है कि वो कर चोरी के मामले में आर्थिक दंड लगाने की जगह अभियुक्‍त को सजा दिलाने की कोशिश करे। अब तक भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के तहत ही ऐसे लोगों के मामलों की सुनवाई होती थी और यह सिर्फ लोक सेवकों तक ही सीमित था। आयकर कानून को सिविल कानून की तरह इस्‍तेमाल किया जा रहा है और कर चोरी करने वालों को पेनल्‍टी भरने के बाद ही छोड़ दिया जाता है।

इस बार आयकर विभाग ने काला धन जमा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का मन बनाया है। कर चो‍री करने वालों के खिलाफ न सिर्फ पेनल्‍टी बल्कि इनके लिए पांच से 10 साल तक कैद की सजा का भी प्रावधान करने की तैयारी है।

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