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05 नवंबर 2011

3 मंत्रियों,3 आईएएस अफसरों से हैं भंवरी के रिश्ते!

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जोधपुर.करीब दो माह के अनुसंधान एवं चर्चाओं से यह साफ हो रहा है कि पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के अलावा तीन और मंत्रियों, तीन आईएएस अधिकारियों, परसराम विश्नोई सहित कांग्रेस के दो पूर्व पदाधिकारियों तथा दो पूर्व विधायकों का भंवरी से संबंध रहा है।

हालांकि, सीबीआई सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। यह अलग बात है कि अब अनुसंधान इसी ओर बढ़ रहा है कि भंवरी को फाइनेंस करने वाले बड़े लोग कौन थे और एएनएम के अपहरण में उनकी क्या भूमिका रही?

पुलिस और सीबीआई के अनुसंधान में यह सामने आ चुका है कि मलखान, महिपाल, परसराम विश्नोई, पूर्व उपजिला प्रमुख सहीराम विश्नोई, मलखान की बहन इन्द्रा विश्नोई, ठेकेदार सोहनलाल, बिलाड़ा प्रधान कुसुम और शहाबुद्दीन का भंवरी से नजदीकी रिश्ता रहा है।

एएनएम से रिश्ता रखने वालों में तीन आईएएस अफसर, दो और मंत्रियों, कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी और दो पूर्व विधायकों के नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन ये हैं कौन? इसके बारे में न पुलिस ने आज तक खुलासा किया न ही अब सीबीआई कर रही है।

चर्चा यह भी है कि भंवरी को गायब करवाने में किसी बड़े नेता का तो हाथ नहीं है। संदेह की सुई इस वजह से भी इन बड़े लोगों की तरफ है कि अब तक भंवरी से जुड़े तीन ऑडियो बाहर आए हैं जिनमें साफ लग रहा है कि भंवरी की महत्वाकांक्षा बहुत बढ़ गई थी। इनमें एक जगह यह बात सामने आई है कि नई दिल्ली की एक पार्टी से भंवरी व सोहनलाल को सात करोड़ रुपए मिलने वाले थे?

सीबीआई के साथ सब जानना चाहते हैं कि ये पैसे दे कौन रहा था और क्यों? यह साफ है कि इतनी बड़ी रकम देने वाला कोई साधारण आदमी नहीं हो सकता।

भंवरी को कौन-कौन करता रहा फाइनेंस

एएनएम की नौकरी और करोड़ों की चल-अचल संपत्ति, बोरुंदा में आलीशान मकान। अजमेर में 70 लाख की कीमत का भूखंड। दो कार और जोधपुर में प्रोपर्टी। सीबीआई अब इसकी पड़ताल कर रही है कि आखिर एएनएम भंवरी देवी के पास इतनी संपत्ति आई कैसे? उसे फाइनेंस करने वालों में कौन-कौन बड़े लोग शामिल रहे हैं? अथवा इसके स्रोत क्या है?

इसकी तहकीकात के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि भंवरी से ताल्लुकात रखने वाले किसी नेता का ही साथ उसे गायब करने में तो नहीं है। इसके लिए जोधपुर एवं अजमेर में भंवरी की संपत्ति के बारे में पूरी छानबीन की जा रही है।

शहाबुद्दीन को जेल, सहीराम भगोड़ा घोषित

लापता एएनएम भंवरी देवी के मामले में 22 अक्टूबर को अदालत में आत्मसमर्पण करने वाले आरोपी शहाबुद्दीन को अपर मुख्य मजिस्ट्रेट जोधपुर महानगर (सीबीआई मामलात) जगदीश प्रसाद जाणी ने शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

वह समर्पण किए जाने के बाद से ही रिमांड पर था। रिमांड अवधि पूरी होने पर शनिवार को उसे अदालत में पेश किया गया था। इसके साथ ही इस मामले में फरार एक अन्य आरोपी पूर्व जिला प्रमुख सहीराम को भगोड़ा घोषित करने का आवेदन न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।

एएनएम की नौकरी, पर करोड़ों की संपत्ति कैसे?

भंवरी एएनएम थी, लेकिन उसके पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति है। बोरुंदा में आलीशान मकान, अजमेर में 70 लाख की कीमत का भूखंड। दो कार और जोधपुर में प्रॉपर्टी।

सीबीआई अब इसकी पड़ताल कर रही है कि आखिर उसके पास इतनी संपत्ति आई कैसे? उसे फाइनेंस करने वालों में कौन-कौन बड़े लोग हैं या इसके स्रोत क्या हैं? इसकी तहकीकात के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि भंवरी से ताल्लुकात रखने वाले किसी नेता का ही साथ उसे गायब करने में तो नहीं है। इसके लिए जोधपुर एवं अजमेर में भंवरी की संपत्ति के बारे में पूरी छानबीन की जा रही है।

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