मार्गशीर्ष यानी अगहन मास भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का मास है। इस मास में श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चना का काफी महत्व है। इस मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है। इस बार यह एकादशी 21 नवंबर, सोमवार को है। इस एकादशी के संबंध में शास्त्रों एक कथा बताई है, जो इस प्रकार है-
सतयुग में मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी तिथि को मुर नामक राक्षस का वध किया गया था। मुर राक्षस परम बुद्धिमान व महाबली था। उसने देवताओं को स्वर्ग लोक से निकाल कर अधिकार कर लिया था। तब सभी देवता इंद्र सहित भगवान शिव के पास मदद मांगने पहुंचे। शिवजी ने उन्हें विष्णु के पास भेज दिया।
भगवान विष्णु ने देवताओं की मदद के लिए अपने शरीर से एक परम रूपवती स्त्री उत्पन्न की। जिसने मुर नामक राक्षस का वध किया। इससे प्रसन्न भगवान विष्णु ने उस स्त्री का नाम उत्पन्ना रखा और कहा जो आज के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत करेगा उन्हें सभी सिद्धियां प्राप्त होगी और सभी कामनाएं पूर्ण होंगी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 नवंबर 2011
उत्पन्ना एकादशी 21 को, हर सुख मिलता है इस व्रत से
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