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04 अक्तूबर 2011

यहां एक नहीं कई वीरू जो टंकी पर जा चढ़े हैं, मौसी बनी पुलिस


लुधियाना. गिल गांव में शोले के रामगढ़ वाला सीन बन गया है। यहां एक नहीं कई वीरू हैं, जो टंकी पर जा चढ़े हैं। मुसीबत में फंसी है लुधियाना पुलिस, जिसे टंकी पर चढ़े वीरू मौसी समझकर हर मांग मानने को कह रहे हैं।

असल में ये नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के कर्मचारी हैं, जो पक्की नौकरी मांग रहे हैं। कह रहे हैं कि पिछली बार सेहतमंत्री ने खुद उन्हें टंकी से उतारते वक्त भरोसा दिलाया था कि उन्हें रेगुलर कर दिया जाएगा। लेकिन हुआ कुछ नहीं, इसलिए अब वे सीएम या डिप्टी सीएम से बात करने के बाद ही टंकी से उतरेंगे। उधर, देर रात चंकी पर चढ़ी संगरूर की स्टाफ नर्स गुरप्रीत कौर ने टंकी पर ही भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा कर दी।

एनआरएचएम कर्मियों व पुलिस में मंगलवार को खूब लुकाछिपी का खेल चला। कर्मियों ने सीआईडी को सूचना दी थी कि वे गिल रोड पर प्रदर्शन करेंगे। पिछली बार जून में सब रजिस्ट्रार दफ्तर के साथ लगी टंकी पर ये मुलाजिम जा चढ़े थे, इसलिए पुलिस ने टंकी को घेर लिया

दोपहर करीब बारह बजे नीले रंग की बस में बैठे कर्मी पुलिस को देख गिल गांव की टंकी पर चले गए। पचास से ज्यादा प्रदर्शनकारी टंकी पर जा चढ़े, जबकि दो सौ कर्मी टंकी घेरकर खड़े हो गए हैं। उधर, सूचना मिलने पर पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।

शाम को पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को मंगलवार सुबह डिप्टी सीएम से मीटिंग का टाइम ले दिया लेकिन प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े हैं कि पांच कर्मी बातचीत के लिए चंडीगढ़ जाएंगे जबकि बाकी टंकी पर ही बैठे रहेंगे। इसी बीच एक महिला कर्मी की हालत भी बिगड़ गई।

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