आपका-अख्तर खान

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04 अक्तूबर 2011

जी जनाब मेरे हिंदी प्रेमी भाई के कुछ सवालों के जवाब बता दीजिये जो मुझे उन्हें देना है

दोस्तों अभी पिछले दिनों हिंदी दिवस के अवसर पर मेने अपने कुछ साथियों से पंगा ले लिया उन्हें हिंदी राष्ट्रभाषा ..संविधान की भाषा बताते हुए हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग लेने की बात कही .....इसी बीच कुछ लोगों के कथन मेने बताये जिनका कहना है के अगर हिंदी में कोई नहीं लिखता है तो उसके सवालों का जवाब नहीं दिया जाता है ,मेने उन्हें एक हिदी प्रेमी बढ़े भाई की मुझे दी गयी शिक्षा के बारे में भी बताया और उनसे हिंदी में ही बात करने हिंदी में ही लिखने के प्रयास के बारे में गुहार की बस फिर क्या था उन्होंने मुझे घेर लिया .पहले मुझे मेल किये फिर पत्र लिखे फिर एस एम एस किये और फिर पत्र लिखे हैं उनका कहना है के भाई हम हिन्दुस्तानी हैं और हिंदी प्रेमी हिंदी लिखने या बोलने का दिखावा करने से नहीं बनते है बलके हिंदी का विकास केसे हो उसके विनाश को केसे रोका जाए उससे ही हिंदी का विकास संभव है .मेरे मित्रों ने वेसे तो कपड़े फाड़ अंदाज़ में मुझे पत्र लिखे हैं लेकिन में उनका सारांश प्रस्तुत कर रहा हूँ ........मेरे दोस्तों ने मुझ से पूंछा है के आप अगर हिंदी प्रेमी हैं तो इंजेक्शन .....ट्रेन.....रेल की पटरी...... क्रिकेट ......होंकी ..फूटबाल .....वोलीबाल .बास्केट बाल ........कुर्सी .टेबल...कम्प्यूटर .लेबटोप ..मोबाइल ....टायर .ट्यूब वगेरा कई ऐसे अलफ़ाज़ हैं जिनका हिंदी में उपयोग करके बताएं उनका कहना है के आप के हिंदी प्रेमी जब गेहूं पिसवाने जाते हैं तो वोह सीधे कहते हैं के हम आता पिसवाने जा रहे हैं .अगर ट्यूब पंचर होती है तो कहते हैं के टायर पंचर हो गया है .साइकल...मोटरसाइकल.....कार का नाम हिंदी में जब नहीं किया जाता तो कई बार मजबूरी में अगर कोई अपनी भाषा में अपनी बात आपको समझाना चाहता है तो आप उसकी बात समझने की जगह उसकी मात्राओं में गलतियाँ .उसके शब्दों में गलतिया और उसकी हिंदी की गलतियाँ निकालने बेठ जाते हैं भावनाओं को क्यूँ नहीं समझते .उनके इस पत्र को मेने पढ़ा .मेर और एस एम एस पढ़े लेकिन चुप रहा .आज फिर जब मुझे मेरे मित्र का एक लम्बा खड्डा रजिस्ट्री से मिला जिसमे लिखा था के डर गये क्या हिंदी से प्यार करते हो और डरते हो तो बस मुझे भी तेश आ गया और मेने प्रण किया के में भी इस पत्र को अपने तरीके से सार्वजनिक करूंगा ताके मुझे मेरे दुसरे भाइयों से इस बारे में ज्ञान मिले के इन सब अल्फाजों को हिंदी में क्या कहते हैं और में इन पत्र देने वाले हुज्जती भाइयों को इसका जवाब दे सकूं साथ ही मेरे हिंदी प्रेमियों द्वारा इन अल्फाजों की हिंदी अपने लेखों में आलेखों में देखूं ताके मेर गर्व से कह सकूं के में हिंदी प्रेमी मित्रों का दोस्त भाइयों का भाई हूँ जय हिंद जय भारत जय हिंदी .जय हिंदी राष्ट्रभाषा ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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