श्री आडवाणी ने कहा कि जब मैंने संसद में प्रधानमंत्री डा. सिंह को कमजोर प्रधानमंत्री कहा था तो देश में विवाद उठ गया था। नि:संदेह उन पर दया आती है। इसके बाद श्री आडवाणी संप्रग सरकार पर बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि स्वराज्य (आजादी) तो मिल गई, लेकिन सुशासन नहीं मिला। जनचेतना यात्रा का मकसद सुशासन व स्वच्छ राजनीति है। काले धन को वापस लाना है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने सौ दिनों में काले धन के मुद्दे पर फैसला लेने का वादा किया था, लेकिन दो वर्ष बीतने के बावजूद विदेश से काला धन वापस लाने के मुद्दे पर सरकार की भूमिका स्पष्ट नहीं हुई, जबकि भाजपा विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिए कटिबद्ध है। काला धन वापस आया तो देश से गरीबी दूर होगी और 6 लाख गांवों का विकास होगा। देश में संसधनों की कमी नहीं रहेगी। उन्होंने नारा दिया कि भ्रष्टाचार मिटाना है, काले धन को वापस लाना है, नया भारत बनाना है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ताकतवर मंत्री प्रणब मुखर्जी व चिदंबरम के बीच झगड़े चल रहे हैं तथा सूचना के अधिकार के कानून के तहत कई घोटाले बाहर आ रहे हैं। इन घोटालों की जद में उन्होंने सरकार की मंशा पर संदेह जताया और कहा कि इसमें भी काट-छांट के प्रयास जारी हैं।
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