तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अक्तूबर 2011
पत्रकार..अधिकारी नेताओं और कर्मचारियों के लियें गिफ्ट बनाम रिश्वत का सीज़न हेप्पी दीपावली आ गया है
दोस्तों दीपावली की रंग बिरंगी खुशियों और मिठास , भाईचारा सद्भावना का हमे इन्तिज़ार है ..इन्तिज़ार क्या ख़ुशी का यह लम्हा हमारे सामने है इसलियें दीपावली की अभी भाई और बहनों माताओं को हार्दिक बधाई सभी भाइयों को दीपावली शुभ हो और देश की सुक्ख शांति एकता आर्थिक मजबूती , संप्रभुता सम्पन्नता के लियें यह दीपावली शुभ हो देश भ्रष्टाचार मुक्त हो यहाँ खुश हाली अपनापन हो तरक्की हो दुश्मनों के होसले पस्त हो और देश विश्व स्टार पर सर्वोच्च हो ........दोस्तों यह तो हुई दीपावली और दीपावली की शुभकामनाओं की बात लेकिन कुछ लोगों ने इस देश में जिस तरह से त्योहारों को अवसरवाद बना दिया है साल भर की रिश्वत एक साथ देने का जरिया बना दिया है हम उसकी बात करना चाहते है अवसरवादी लोग इस त्यौहार का लाभ उठा कर सभी नियम कायदे कानून ताक में रख कर खुलेआम गिफ्ट के नाम पर रिश्वत का दोर चलाते हैं और हम यह सब देख कर मूकदर्शक बन जाते हैं जिसे यह हिस्सा मिल रहा है वोह तो गद गद रहते है ..दोस्तों देश में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारीयों के साथ साथ कर्मचारियों और नेताओं यानि निर्वाचित मंत्री सांसद विधायक और दुसरे जनप्रतिनिधियों के लियें तो कानून है के वोह किसी से भी निर्धारित राशी यानी २५० रूपये से अधिक की गिफ्ट नहीं लेंगे अगर लेंगे तो उसकी इन्द्राज करवाएंगे अपने उच्च अधिकारी को इसकी सुचना देंगे इसी तरह से कोंग्रेस या भाजपा के विधान में भी है के पदाधिकारी अनावश्यक गिफ्ट से बचेंगे लेकिन यह अवसर खुशियों की बहार के साथ साथ कुछ लोग खरीद फरोख्त का बना देते है और इसलियें देश की स्थिति दिन बा दिन दयनीय होती जा रही है रिश्वत गिफ्ट और उपहार के रूप में एक स्वीकार्य हो गयी है मिठाई ..पटाखे और न जाने क्या क्या कई स्थानों पर तो नोटों की गड्डियां इस गिफ्ट में शामिल हैं ..यह हालात देश के हैं अन्ना उनके समर्थक ..अन्ना और उनके दुश्मन सभी जानते है यह संस्क्रती देश को दीमक की तरह चाट रही है कहने को तो देश के कानून और नियमों में किसी भी अवसर पर गिफ्ट देना और गिफ्ट लेना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते है लेकिन अधिकारी और उनकी पत्नियां घर पर इन अवसरों पर दरवाजों पर टकटकी लगाकर गिफ्टों का इन्तिज़ार करते देखे जा सकते हैं उनकी ललचाई निगाहें दरवाजों पर सिर्फ इसलियें लगी रहती है के फलां आदमी अब तक गिफ्ट लेकर नहीं आया .यह तो हुई अधिकारी कर्मचारी नेता मंत्रियों की बात लेकिन दोस्तों चोथा स्तम्भ यानी पत्रकार भी इस अपराध से छुपे नहीं है ब्लोगर्स को छोड़ कर खुद पत्रकार अपने गिरेबान में झाँक कर देख लें उन्हें उपहार के नाम पर हर साल कहां कहां से गिफ्ट के नाम पर रिश्वत मिलती है तो दोस्तों आप और हम चाहें तो इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लियें मुहीम चला सकते हैं पहले घर परिवार पडोस में संकल्प लें के इस तरह की गिफ्ट न तो लें ना दें और न ही देने दें अगर ऐसा हटा है तो उच्च सतर पर इस शिकायत को सार्वजनिक करें क्या ऐसा आप और हम सभी मिल जुलकर राष्ट्र हित में कर सकेंगे .......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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