नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री की चिट्ठी पर कार्रवाई की गई होती तो 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला नहीं होता। कोर्ट ने पूछा कि नवंबर, 2007 में ए. राजा को प्रधानमंत्री की तरफ से लिखी गई चिट्ठी पर अमल क्यों नहीं हुआ?
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से विपक्षी दलों ने पीएम को एक बार फिर से कटघरे में खड़ा किया है। भाजपा ने पीएम से जवाब मांगने की मांग करते हुए कहा कि उनकी चिट्ठी पर सरकार ने क्यों नहीं कार्रवाई की गई। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यदि ए राजा पीएम की बात नहीं मान रहे थे तो पीएम खुद ही फाइल मंगाकर कार्रवाई कर सकते थे।
माकपा ने कहा है कि राजा की निष्क्रियता पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बारे में पीएम मनमोहन सिंह को सफाई देनी चाहिए। माकपा नेता वृंदा करात ने कहा, ‘सरकार को जब कार्रवाई करनी चाहिए थी, उस वक्त उसने कार्रवाई नहीं की।’
2 नवंबर 2007 को ए राजा को लिखी चिट्ठी में पीएम मनमोहन सिंह ने 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन को लेकर ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत की थी। हालांकि राजा ने पीएम की इस चिट्ठी का 24 घंटे के भीतर ही जवाब दिया और कहा कि स्पेक्ट्रम के आवंटन में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।
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