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04 अक्तूबर 2011

'मैं तो हनुमान की तरह पुलिस को उसका रोल याद दिलाना चाहता हूं!'

कोटा.गृहमंत्री शांति धारीवाल पिछले दिनों दिए अपने बयान ‘पुलिस पीटकर आए, पिटकर नहीं आए’ से कुछ आहत नजर आए। उन्होंने मंगलवार को शहर पुलिसलाइन में पुस्तकालय भवन व मनोरंजन कक्ष के उद्घाटन समारोह में कहा कि वे ज्यादा बोलने से आलोचना के शिकार हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस का इकबाल तभी कायम रह सकता है, जब अपराधियों में पुलिस का डर हो। इसके लिए पुलिस को अपराधियों पर शिकंजा कसना पड़ेगा। लोगों का तभी पुलिस पर विश्वास रहेगा। हालांकि, इस बार संबोधन में धारीवाल संभलकर बोलते नजर आए।

धारीवाल ने कहा कि आमजनों को पुलिस से काफी अपेक्षा होती है, लेकिन पुलिस को ही सबसे ज्यादा गालियां पड़ती हैं। आवश्यकता होती है तो लोग पुलिस की मदद ले लेते हैं, लेकिन समय निकलने के बाद वे ही पुलिस की जरा सी खामियों पर कोसने लगते हैं। जनता चाहती है कि अपराध कम हों, इसके लिए लोगों को भी पुलिस का पूरा सहयोग करना होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार हर सुविधा उपलब्ध कराए, यह संभव नहीं है, इसलिए व्यापारी जब यह चाहता है कि कहीं भी अपराध हो तो आरोपी पकड़े जाएं तो वे भी पुलिस का सहयोग करते रहें। कार्यक्रम में कार्यवाहक आईजी पी. रामजी, एएसपी हनुमानप्रसाद, लक्ष्मण गौड़, ललित माहेश्वरी सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

एसपी ने कहा-कॉलोनी की समस्या हल हो

एसपी प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि पुस्तकालय भवन व मनोरंजन कक्ष में करीब 16 लाख का खर्च आया है। इसमें 11 लाख रुपए दानदाताओं ने दिए थे। पुलिसलाइन में पुराने क्वाटर्स में सीवरेज की बड़ी समस्या है। इसके बारे में पहले भी कहा गया था। इसका हल जल्द हो जाए तो पुलिसकर्मियों को राहत मिलेगी।

इनका हुआ सम्मान

कार्यक्रम में भामाशाह नवीन माहेश्वरी, वीरेंद्र पांड्या, मोहम्मद मियां, प्रमोद माहेश्वरी, नरेंद्र अवस्थी, वीके बंसल, दिनेश भारद्वाज सहित पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन, ठेकेदार का भी सम्मान किया गया।

कहते-कहते कुछ और कह जाता हूं..

धारीवाल ने कहा कि मैं कहना कुछ और चाहता हूं, लेकिन कहते-कहते कुछ और कह जाता हूं। मीडिया वाले व आलोचना करने वाले उसे ही तूल देते हैं। पुलिस बड़ा अपराधी पकड़ती है तो छोटी खबर देखने को मिलती है, जबकि अपराधी की भागने की खबर को प्रमुखता से छापा जाता है।

हनुमान की याद दिलाना चाहता हूं

धारीवाल ने कहा कि पुलिस को हनुमान का रोल याद दिलाना चाहता हूं, जैसे हनुमान को याद दिलाया गया था। हालांकि, अब अपराध कई प्रकार के हो गए हैं। हनुमान की भूमिका की अभी भी आवश्यकता है। जब तक पुलिस का डर अपराधियों में नहीं होगा, तब तक अपराध कम नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि कोटा रेंज प्रदेश में क्राइम रेट कम करने में दूसरे नंबर पर है।

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