स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सुबह गांव पहुंच कर कैं प शुरू कर दिया। देर शाम तक 150 लोगों का परीक्षण किया जा चुका था, इनमें 90 बीमार मिले। टीम में बीएमएचओ डॉ प्रभात कौशल, डॉ.एमएस चौहान, डॉ. डीके वाजपेयी और डॉ. केके गुप्ता शामिल थे। फिलहाल दो हजार की आबादी वाले इस गांव में लगभग पांच सौ लोग इस बीमारी से पीड़ित बताए गए हैं।
गांव की एएनएम कमलेश कुशवाह का कहना है कि गांव में 15-20 लोग ऐसे हैं, जिन्हें शाम को बुखार आता है और जोड़ों में दर्द रहता है। 25 अक्टूबर को विभाग की टीम आई थी तब 13 लोगों की स्लाइड बनाई गई थी, जिसमें एक को फेल्सीपेरम मलेरिया निकला था, जिसे दवा दे दी गई थी।
हर घर में कोई न कोई बीमार
दैनिक भास्कर टीम को गांव के बाहर अशोक रावत दो युवकों मनीष रावत और सोनू के साथ उपचार के लिए शहर जाते मिले। उनका कहना था कि हर घर में कोई न कोई बीमार है। गांव में चबूतरे पर बैठे जगदीश सिंह, नारायणी, चिरौंजी ने बताया कि गांव की आबादी दो हजार है और 450 से अधिक लोग जोड़ों में दर्द से पीड़ित हैं, कई लोगों को बुखार की शिकायत है।
ग्रामीणों का कहना था कि आधा दर्जन लोग निजी अस्पतालों में भर्ती भी रह चुके हैं। दो लोग अब भी रिलीव नहीं हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों का कहना था कि 25 अक्टूबर को भी विभाग की टीम यहां आई थी, उस समय 13 लोग ही कैंप में दिखाने आए थे, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि कैंप में दवाएं ही नहीं थीं तो दिखाने से क्या फायदा? डाक्टरों के अनुसार, जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया के कारण भी होते हैं, इसलिए इसकी भी जांच कराई जा रही है।
जगह-जगह गंदगी
गांव में जगह-जगह गंदगी है, कच्ची सड़कों पर गंदा पानी भरा है, इसी गंदगी के पास स्थित हैंडपंप लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि वे सरपंच से गंदगी साफ कराने के बारे में कई बार कह चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। दो साल पहले निरावली के समीप स्थित जिगसौली गांव में अज्ञात बीमारी फैली थी, जिससे करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भी निरावली में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया है। निरावली में गर्मी के दौरान कई मोरों की मौत भी हो चुकी थी।
नहीं मना पाए दीपावली
रमेश सिंह राठौर के परिवार में पांच लोग जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। उनका कहना है कि छोटी दीपावली से उन्हें दर्द शुरू हुआ और अभी तक पीड़ा दूर नहीं हुई। दर्द के कारण दीपावली नहीं मना पाए। निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे हैं।
इलाज में लगा दिया खाद का पैसा
बीएमएचओ डॉ. प्रभात कौशल डॉक्टरों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम लेकर निरावली गांव पहुंचे तो उनसे ग्रामीणों ने तुरंत पूछा, ‘अब आए हैं जन स्वास्थ्य रक्षक, जब गांव के हर घर में लोग बीमार पड़े हैं। बीज, खाद का पैसा घरवालों के इलाज में खर्च कर चुके हैं। मीडिया वाले आ गए हैं, इस कारण दिखाई दे रहे हो वरना कहां दिखाई देते हो।’ स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि यह वक्त इलाज कराने का है, गुस्सा करने का नहीं।
ये मिले मरीज
अशोक रावत, मनीष, सोनू, जगदीश सिंह, नारायणी, चिरौंजी, लल्लू, लक्ष्मी, ममता, रामहेती, गुटई रावत, बालकिशन, रामदुलारी, संपत बाई, अजय सिंह, तमन सिंह, शांति बाई, रमेश सिंह, गीता, हरिओम, हेमलता, रिंकू, भूरीबाई, कला बाई, वरीक्षा, अजय, अजीत, विमला आदि।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)