तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 अक्तूबर 2011
मेरी पोस्टें हुईं चार हजार ............
दोस्तों में जानता हूँ मुझे बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं हैं .में यह भी जनता हूँ के यह मेरा पडाव है मेरी मंजिल नहीं है लेकिन मेरे इस ब्लोगिंग संघर्ष में जब मेने देखा के मेने अपना लक्ष्य जी हाँ लक्ष्य गाँधी जयंती पर चार हजार पोस्टें पूरी करने का लक्ष्य हांसिल कर लिया है तो फिर आप सभी ब्लोगर शुभ चिंतकों और भाईयों बहनों से आशीर्वाद और मार्गदर्शन का मन करने लगा और में इस तूफान को रोक नहीं पाया .मुझे जो साहस जो ताकत जो प्यार जो अपनापन जो दिशा निर्देश आप लोगों ने दिए है उन्हीं का नतीजा है के केवल एक वर्ष के कार्यकाल के लगभग में अपनी पोस्टें कुल चार हजार पार कर सका हूँ कहते हैं .अभी इम्तिहान और हैं ..इन्तिहाँ अभी नहीं अभी सफर करते रहना है यह एक पडाव है कोई मंजिल नहीं ..खुदा से इस वक्त पर उसका उसका शुक्रिया अदा करने के साथ साथ मेरिय यही दुआ है के ब्लोगिग्न की दुनिया ऐसी हो के भाई ललित शर्मा की दिवाली हो तो भाई मासूम उनके यहाँ जाकर ईद मनाये और भाई अनवर के यहाँ ईद हो तो भाई दिनेश राय द्विवेदी जी उनके यहाँ जाकर सिव्य्या खाए और अपनी दिवाली मनाएं इंशा अल्लाह मेरी यह ख्वाहिश मेरी यह तमन्ना अल्लाह .भगवान गोड ..इशु ...वाहे गुरु आज नहीं तो कल जरुर पूरी करेगा मिलेंगे सब गले एक दिन होगी चारों सिम्त प्यार मोहब्बत और भाईचारे की खुशबु ऐ मेरे वतन के लोगों एक दिन तुम भी देख लेना ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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