भिंड/ग्वालियर। लजीज पकवानों की महक और टीवी स्क्रीन पर चल रहे मनपसंद गाने। ऑर्डर होते ही मनमाफिक सामान हाजिर और मिलने आने वालों की मेहमानों की तरह आवभगत। जी हां, यह किसी बड़े शहर के होटल के कमरे का नजारा नहीं, बल्कि मेहगांव उपजेल का दृश्य है।
बुधवार की शाम और गुरुवार की सुबह उपजेल में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे एसडीएम एमएल दौलतानी कैदियों के ठाठ देखकर दंग रह गए। यहां कैदियों से कैदी की तरह नहीं, बल्कि वीआईपी की तरह व्यवहार किया जा रहा था। यहां ‘वीआईपी’ कैदियों के लिए अलग से खाना तो बनाया ही जा रहा था, उनसे मिलने आने वालों के लिए भी समय की कोई पाबंदी नहीं थी।
कार्रवाई के दौरान एसडीएम ने जेल का रजिस्टर जब्त कर लिया है। इसके अलावा बंदियों के बैग में भारी मात्रा में सिगरेट, बीड़ी व गुटखा पाउच भी मिले हैं। कार्रवाई के बाद एसडीएम की अनुशंसा पर जेल प्रशासन ने 13 कैदियों को मेहगांव से भिंड उपजेल में शिफ्ट किया गया है। साथ ही जेलर और जेल प्रहरियों पर कार्रवाई के लिए एसडीएम ने आला अधिकारियों को लिखा है।
सीसी कैमरे कर दिए खराब
एसडीएम ने बताया कि उप-जेल में लगाए सीसीटीवी कैमरों को बंदियों ने खराब कर दिया है। जिससे उप-जेल में होने वाली गतिविधियां रिकार्ड नहीं हो पाती। खास बात यह है कि ये कैमरे डेढ़ साल से खराब पड़े हैं, जिन्हें जेल प्रशासन ने दुरुस्त कराने का प्रयास नहीं किया।
बंदियों से मिलने का कोई नियम नहीं
श्री दौलतानी ने बताया कि नियमानुसार एक कैदी से उसके परिजन या कोई अन्य व्यक्ति सामान्य तौर पर 15 दिन और विशेष परिस्थिति में सात दिनों के अंदर एक बार ही मिल सकता है, लेकिन यहां एक दिन में कैदियों से पांच-पांच बार भी मिलने पर रोक नहीं है। एसडीएम ने बताया कि रजिस्टर में तो मिलने वालों की संख्या कम ही दर्ज की जाती है, लेकिन हकीकत में बंदियों से मिलने की प्रक्रिया बिना रोक-टोक चलती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 अक्तूबर 2011
कैदियों के ठाठ-बाट देखकर दंग रह गए एसडीएम साहब
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