लुधियाना. मासूम अरमान को मौत का मतलब नहीं पता, लेकिन उसे इस कड़वी सच्चाई का मर्म समझाने के लिए शनिवार को श्मशान भूमि में लाया गया। दादी.ताई व ताया समेत रिश्तेदारों को रोते बिलखते देख उसे अभी भी कुछ समझ नहीं आया।
अपने ताया आदित्य गोयल की अंगुली पकड़ कर श्मशान में पहुंचा अरमान लोगों को रोता हुए देखकर कुछ घबराया हुआ जरूर था, लेकिन वह कुछ समझ नहीं पा रहा था। चिता को अग्नि देने से पहले ताया आदित्य गोयल ने उसे अपने माता पिता से अंतिम बार मिलने को कहा।
रिश्तेदार हुए जज्बाती
सामने दो चिताएं देखकर मासूम अरमान ने भोलेपन से पूछा कि मेरी मम्मी कहां लेटी है? मासूम के इस सवाल से वहां मौजूद वह रिश्तेदार भी जज्बाती हो गए और फूट फूट कर रोने लगे, जो किसी तरह अपने आंसुओं को बहने से रोक कर खड़े थे। सभी रिश्तेदार अरमान को प्यार और दिलासा देने के लिए बार-बार गोद में उठाने लगे।
मासूम अरमान ने कफन हटा कर अपने माता-पिता का चेहरा अंतिम बार देखा और खाली आंखों से इधर-उधर झांकता वापस अपने ताया के पास आकर खड़ा हो गया। शाम करीब सवा चार बजे चिताओं को मुखाग्नि देने की रस्म आदित्य गोयल ने निभाई। चिताओं को अग्नि भेंट होता देख मासूम अरमान एकाएक चिल्लाया कि मेरे मम्मी पापा को आग मत लगाओ, उन्हें दर्द होगा.. और रोने लगा।
अरमान अभी यह सच्चाई नहीं समझेगा, यह मानकर परिवार के सदस्य उसे वहां से हटा कर घर ले आए। अंतिम संस्कार के बाद घर लौट कर ताया, तायी व दादी उसके सवालों पर बिलख पड़े। वह बार-बार यही पूछता है कि सब लोग मेरे मम्मी डैडी को क्यों अकेला छोड़ आए हैं? मम्मी डैडी कहां चले गए हैं और क्या अब वह कभी वापस नहीं लौटेंगे? अंजान मासूम शाम को वीडियो गेम खेलने लगा
शाम को अरमान फिर पड़ोसी के यहां जाकर वीडियो गेम खेलने में व्यस्त हो गया है। वह कहता है कि उसके मम्मी व डैडी तार से पंखा ठीक कर रहे थे। अरमान की दादी मंजू गोयल के अनुसार दीपावली पर पटाखे लाने की जिद करेगा तो वह कैसे उसे मना करेंगी। थाना डिवीजन नंबर सात के एसएचओ गोपाल कृष्ण ने बताया कि परिवार के सदस्यों से बातचीत में सामने आया है कि अमित और प्रवीण आर्थिक तंगी की वजह से परेशान थे। उन्होंने शेयर मार्केट में भी कुछ पैसा लगाया हुआ था।
शादी के आठ वर्ष बाद पैदा हुआ था अरमान
अमित गोयल और प्रवीण गोयल की शादी को करीब 12 वर्ष हो चुके हैं। अरमान शादी के करीब आठ वर्ष बाद पैदा हुआ था। इसके लिए उन्होंने कई धार्मिक स्थलों पर सेवा की और मन्नत मांगी थी। इसीलिए उन्होंने बच्चे का नाम भी अरमान रखा था। अमित के चाचा सुनील गोयल के अनुसार उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि इतनी मन्नतों के बाद हुए बेटे को वह कैसे अकेला छोड़ गए। अमित के बड़े भाई आदित्य गोयल के अनुसार अरमान को वह अपने पास ही रखेंगे।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 अक्तूबर 2011
चार साल की उम्र में मां-बाप को खो देने वाले मासूम ने रुला दिया सबको
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