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पिछले तीन सालों में क़ानून का उल्लंघन करने के 29 मामले सामने आए हैं.
नॉटिंघम यूर्निवर्सिटी अस्पताल ट्रस्ट की एक नर्स को मरीज़ की फ़ोटो फ़ेसबुक पर लगाने के कारण बर्ख़ास्त कर दिया गया है. पिछले तीन सालों में सामने आए 29 मामलों में से ये एक है जिसमें मरीज़ो की व्यक्तिगत सूचना को सार्वजनिक किया गया है. ये जानकारी सूचना की आज़ादी क़ानून के तहत जुलाई 2008 से जुलाई 2011 के बीच कैंपेन ग्रुप बिग ब्रॉदर वॉच से हासिल की गई है. ट्रस्ट का कहना है कि वे किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करने को गंभीरता से लेता है. ट्रस्ट के इन नियमों का उल्लंघन करने के मामलों में स्टॉफ के आठ सदस्यों को बर्ख़ास्त किया जा चुका है. स्पष्ट संदेशइनमें से 29 मामले जो सामने आए हैं उनमें से 20 मामलों की जाँच हो रही है. ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी पीटर होमा का कहना है,"हमारे पास जो भी मामले सामने आए हैं, हम उन सभी की जाँच करते हैं और जहाँ हम देखते हैं कि क़ानून का उल्लंघन हुआ है,वहाँ हमने ऐसे मामलों में लिप्त पाए गए सदस्यों को बर्ख़ास्त कर दिया है."ऐसा करके हम अपने कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश देते हैं. उनका कहना था कि साल 2010 से ही हमने एक बड़ा अभियान चलाया हुआ है जिसके तहत हम अपने अस्पतालों में स्टॉफ सदस्यों और मरीज़ों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करते है कि जब भी किसी मरीज़ के बारे में व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक की जाती है और ऐसा उल्लंघन होते देखते है तो इस बात की जानकारी दें.
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