चतुर्वेदी ने भंवरी प्रकरण में जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा की बर्खास्तगी की मांग की तो दिगंबरसिंह ने इस बयान से किनारा कर लिया। बार-बार सवाल पूछने पर भी वे मदेरणा के खिलाफ एक शब्द नहीं बोले, कहा कि सभी मंत्री दें इस्तीफा। आखिर अध्यक्ष ने उनकी ओर देखा तो उन्होंने कहा- वे पार्टी के स्टैंड के साथ हैं।
प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट की ओर से सरकार को राजस्थान के इतिहास की सबसे कमजोर सरकार बताने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग की। उनका कहना था कि दागी मंत्रियों को हटाने से कुछ नहीं होगा। अब तो पूरी सरकार ही दागी हो गई है। उसे ही चले जाना चाहिए। कोर्ट के कहने के बाद तो यह और भी जरूरी हो गया है।
उनके बयान के बाद दिगंबरसिंह ने यह कहकर सबको स्तब्ध कर दिया कि कांग्रेस सरकार एक-एक कर जाट नेताओं के पर काट रही है। कुछ नेताओं को तो चुनाव में साफ कर दिया और कुछ को अब आरोप लगाकर साफ करने जा रही है। मामला संभालते हुए चतुर्वेदी ने दखल दिया और बोले कि मारवाड़ में भाजपा नेताओं ने यह प्रकरण सही तरीके से उठाया है और मंत्री के खिलाफ लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं।
आओ बयान-बयान खेलें!
भाजपा सूत्रों का भरोसा करें तो प्रेस कॉन्फ्रेंस तय हुई थी उपाध्यक्ष दिगंबरसिंह की, लेकिन हाईकोर्ट के बयान को लेकर उसमें प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी भी जुड़ गए। भाजपा प्रदेश कार्यालय को यह भनक सुबह ही लग गई थी कि दिगंबरसिंह ने राहुल गांधी के भरतपुर दौरे में किसी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों की मदद लेने संबंधी दस्तावेज जुटाए हैं और वे तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं।
इसी दौरान दोपहर 12 बजे भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील भार्गव ने इसी मुद्दे पर बयान दे डाला। बाकायदा प्रेस नोट भी जारी कर दिया। बाद में पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता भवानी सिंह राजावत ने भी प्रेस नोट जारी कर सरकार से इस्तीफे की मांग की।
इसका राजनीतिक मतलब ये निकाला गया कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और उपाध्यक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस की न केवल उनके प्रवक्ता ने ही हवा निकाल दी, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि पूरी पार्टी के भीतर कोई कम्युनिकेशन गैप है।
पहले यह बोले थे दिगंबर
परसराम मदेरणा के जन्म दिन पर कार्यक्रम में दिगंबर सिंह ने कहा था कि एएनएम प्रकरण में कांग्रेस पार्टी के लोग ही महिपाल मदेरणा के पैर काट रहे हैं। हमारी तरफ से किसी ने कोई मामला नहीं उठाया है। किसान का बेटा आगे बढ़ रहा है तो स्वाभाविक रूप से कांग्रेस में कुछ लोगों को जलन है और इसी के चलते यह सब हो रहा है। बाद में भाजपा नेताओं ने उनके इस बयान पर कई स्पष्टीकरण दिए, लेकिन दिगंबर सिंह का रुख वही रहा।
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