भुट्टो का लम्बी बीमारी के बाद रविवार को दुबई में निधन हो गया। वह 82 साल की थीं।
एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के हवाले से कहा गया है कि भुट्टो को 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' के सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
उनको दिए गए सम्मान पत्र में उनकी प्रशंसा में लिखा गया है, "लोकतंत्र की मां बेगम नुसरत भुट्टो के साथ कोई भी सम्मान न्याय नहीं कर सकता। हम उनके साहस, उनकी अनगिनत कुर्बानियों और उनकी दृढ़ता को सलाम करते हैं। हमलोग स्वतंत्रता व सम्मान के साथ जीते हैं। यह कितना महान परिवार था, उनके जीवन जीने और मरने का तरीका भी कितना अलग था।"
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