आपका-अख्तर खान

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07 अक्तूबर 2011

बस इसी उम्मीद में बैठा हूं

पहला गधा: यार मेरा मालिक लालू मुझे बहुत मारता है। दूसरा गधा: तो तू भाग क्यों नहीं जाता? पहला गधा: भाग तो जाउं पर वहां फ्यूचर बहुत ब्राईट है। मालिक की एक खूबसूरत बेटी है। जब वो शरारत करती है तो लालू उसको बोलता है कि तेरी शादी किसी गधे से करवाउंगा। बस इसी उम्मीद में बैठा हूं। .........चूहा हाथी से- एक दिन के लिये अपनी कमीज उधार दे दो। कल वापस कर दूंगा। हाथी- क्यों? तू पहनेगा मेरी कमीज? चूहा- नहीं। बेटी की शादी है, टेंट लगाऊंगा।

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