
कार्तिकमास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की विशेष पूजन-अर्चना की जाती है। इस बार यह पर्व 24 अक्टूबर, सोमवार को है। भगवान धन्वन्तरि की पूजन विधि इस प्रकार है-
सर्वप्रथम नहाकर साफ वस्त्र धारण करें। भगवान धन्वन्तरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाएं। उसके बाद भगवान धन्वन्तरि का आह्वान निम्न मंत्र से करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,
अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
इसके पश्चात पूजन स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। इसके बाद आचमन के लिए जल छोड़े। भगवान धन्वन्तरि के चित्र पर गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चढ़ाएं। चांदी के पात्र में खीर का नैवैद्य लगाएं। (अगर चांदी का पात्र उपलब्ध न हो तो अन्य पात्र में भी नैवेद्य लगा सकते हैं।) तत्पश्चात पुन: आचमन के लिए जल छोड़े। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। भगवान धन्वन्तरि को वस्त्र (मौली) अर्पण करें। शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वन्तरि को अर्पित करें। रोगनाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-
ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट्।।
इसके बाद भगवान धन्वन्तरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजन के अंत में कर्पूर आरती करें।
शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस पर्व सोमवार और मंगलवार दो दिन तक रहेगा। धनतेरस सोमवार को दोपहर 12:35 से मंगलवार सुबह 9:00 बजे तक रहेगी। भगवान धन्वंतरि की पूजा सोमवार व मंगलवार दोनों ही दिन की जा सकती है। जानिए सोमवार और मंगलवार को पूजा के शुभ मुहूर्त
सोमवार के मुहूर्त-
दोपहर 01:50 से 03:20 बजे तक
शाम 03:20 से 04:50 बजे तक
शाम 04:50 से 06:20 बजे तक
शाम 06:20 से 07:50 बजे तक
मंगलवार के मुहूर्त-
इस दिन सुबह 8:11 से 9:00 बजे तक स्थिर लग्न रहेगा। इस एक घंटे में भगवान धन्वंतरि की पूजा शुभ रहेगी।
dhan tears ka shubh mhurt dekh kar khushi hui ..
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