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23 अक्तूबर 2011

14 मंत्रियों को तो कांग्रेस से लेना-देना ही नहीचौधरी और ममता भूपेश ने गैर कांग्रेसी मंत्रियों को लेकर सवाल उठाए।



चौधरी ने कहा कि 14 मंत्रियों को तो कांग्रेस से लेना-देना ही नहीं है। इनके इलाकों में पार्टी कार्यकर्ताओं की स्थिति खराब है। ममता भूपेश ने भी बाहरी मंत्रियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में भी यही स्थिति है, 4 मंत्री गैर कांग्रेसी हैं और वे पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनते नहीं हैं।


कई नेताओं ने साफ छवि वाले विधायकों को कैबिनेट में जगह देने की पैरवी करते हुए दागी मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने की मांग उठाई। नेताओं का कहना था कि दागियों की वजह से सरकार और पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। कई राज्य मंत्रियों के कामकाज का तरीका ठीक नहीं है और वे प्रभावहीन हैं।

बिजली, सड़क की खराब स्थिति पर मंत्री निशाने पर :

प्रदेश में बिजली की किल्लत और सड़कों की खराब स्थिति को लेकर नेताओं ने मंत्रियों पर सवाल उठाए। खाद की कीमतों और किल्लत पर भी नाराजगी जताई गई।

अन्ना के आंदोलन से पार्टी की साख प्रभावित

कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में अन्ना के आंदोलन से आम जनता की नजरों में कांग्रेस की लगातार गिरती साख के मुद्दे पर कई नेताओं ने चिंता जताई। बैठक में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. बीडी कल्ला ने अन्ना फैक्टर की वजह से पार्टी पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाया।

गहलोत ने कहा, केवल हम दोनों की दोस्ती से ही सत्ता संगठन में अच्छा तालमेल नहीं होगा

बैठक में सत्ता और संगठन के बीच अच्छे तालमेल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने पार्टी नेताओं को नसीहत दी। गहलोत और चंद्रभान ने कहा कि हम दोनों में अच्छी दोस्ती होने भर से सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं होने वाला। सत्ता और संगठन में तालमेल का मतलब मंत्रियों और कार्यकर्ताओं में तालमेल से है। मंत्री और कार्यकर्ताओं को आपस में अच्छा तालमेल स्थापित करना होगा।

मंत्री बैठें पीसीसी में

कई नेताओं ने सत्ता और संगठन में तालमेल सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया। कई नेताओं ने सुझाव दिया कि मंत्री नियमित रूप से पीसीसी में बैठकर कार्यकर्ताओं की सुनवाई करें।

राज्यपाल जयपुर पहुंचे, फेरबदल की अटकलें तेज

राज्यपाल शिवराज पाटिल रविवार शाम यहां पहुंच गए। इसके साथ ही मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि बदलाव कभी भी हो सकता है। हालांकि राजभवन और सरकारी सूत्रों ने इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की है। राज्यपाल का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नई दिल्ली में राहुल गांधी, अहमद पटेल और मुकुल वासनिक के साथ चर्चा के बाद फेरबदल की अटकलें शुरू हो गई थी।


इसके बाद राज्यपाल के आगमन के भी बदलाव की प्रक्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है।

मंत्रियों के कामकाज पर प्रदेशाध्यक्ष भी बरसे

बैठक में प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान सहित कई नेताओं ने मंत्रियों के कामकाज को लेकर तीखे तेवर दिखाए। चंद्रभान ने कार्यकर्ताओं में व्याप्त निराशा दूर करने की जरूरत पर जोर देते हुए मंत्रियों के कार्यकर्ताओं से कमजोर तालमेल पर तल्ख शब्दों में प्रहार किया। प्रदेशाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को सत्ता में वाजिब सम्मान देने पर जोर दिया। हरिमोहन शर्मा और रामनारायण मीणा ने भी सरकार के कामकाज और मंत्रियों के व्यवहार को लेकर सवाल उठाए।

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