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29 अक्टूबर 2011

उनको सीने में पटाखा लगा है लेकिन स्कैन में निकली गोली


इंदौर।एक महिला दीपावली पर घर के बाहर पटाखे जला रही थी। अचानक उसके सीने पर कुछ आकर लगा और खून निकलने लगा। उन्होंने समझा पटाखा लगा है लेकिन अस्पताल ले जाने पर पता चला गोली है। पुलिस जांच में गोली महिला के पड़ोसी की रायफल से चलना पता चला है। इसके लिए एफएसएल टीम जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार घटना 26 अक्टूबर की रात करीब 8 बजे की है और महिला है वीणानगर निवासी सीमा पति द्रगपालसिंह चौहान। पेट में दर्द होने पर परिजन निजी अस्पताल ले गए तो सिटी स्कैन में बड़ी आंत में गहरी चोट पता चली।

डॉक्टर ने एक दिन बाद ऑपरेशन किया तो पेट से गोली निकली। उधर, एडीएम आलोक सिंह का कहना है बंदूक का लाइसेंस आत्मरक्षार्थ दिया जाता है। रैली, जुलूस व उन स्थानों पर फायर करना नियमानुसार गलत है जहां फायर करने से किसी की जान खतरे में हो।

सीने से पेट में कैसे पहुंची

सीमा चौहान के सीने पर गहरा घाव था। परिजन ने बताया कि पटाखे से चोट लगी है लेकिन महिला को पेट में दर्द हो रहा था। सिटी स्कैन में बड़ी आंत में घाव दिखा। दूसरे दिन ऑपरेशन में पेट से गोली निकली। गोली सीने से बड़ी आंत में आई और चमड़ी में आकर अटक गई थी।

डॉ. मोहित भंडारी, पेट रोग विशेषज्ञ

पड़ोसी ने चलाई थी!

पेट से गोली निकलने के बाद मामले की जांच शुरू की गई। क्षेत्र में जारी बंदूक के लाइसेंस के आधार पर पड़ोसी सत्यप्रकाश त्रिपाठी से पूछताछ की गई। उनकी 315 बोर की बंदूक से गोली चलने की पुष्टि भी हो गई। बंदूक दीपावली के दो दिन पहले ही खरीदी गई थी। गोली जांच के लिए एफएसएल के पास भेजी गई है।

जी.एस. गोलिया, टीआई, हीरानगर

250 गज तक मार

315 बोर की बंदूक की मारक क्षमता करीब 400 गज होती है। निशाना साधकर मारने पर 200-250 गज तक सटीक निशाना लगता है। आसमान की ओर चलाई गोली गुरुत्वाकर्षण के कारण उसी वेग से जमीन की ओर आती है जो कारतूस व बारूद पर निर्भर करता है। इसकी चपेट में आने पर जान भी जा सकती है। सीमा को भी इसी तरह गोली लगी, लेकिन हो सकता है कपड़ों के कारण इसका अहसास नहीं हुआ।

डॉ. सुधीर शर्मा, ज्येष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी

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