जयपुर.दीपावली को देखते हुए शुरू किए गए नगर निगम के सफाई सुधार अभियान के दूसरे दिन शनिवार को मेयर ज्योति खंडेलवाल को विद्याधर नगर जोन में जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
गंदगी से परेशान लोगों ने जमकर हंगामा किया। पार्षद तक मेयर की गाड़ी के आगे लेट गए। पुलिस ने बामुश्किल गाड़ी निकलवाई। इस पर लोग उनसे मिलने के लिए आगे बढ़े तो मेयर भड़क गई। उन्होंने कहा कि पार्षद हैं न, मैं उनसे बात कर लूंगी।
लोगों में रोष इसलिए है कि एक साल से सफाई व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। मेयर, डिप्टी मेयर, अफसर व पार्षद किसी ने भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया।
पार्षद मेयर की गाड़ी के आगे लेट गए
सीकर रोड पर अलका सिनेमा के पास वार्ड 6 के पार्षद रिद्धकरण परसरामपुरिया मेयर की गाड़ी के आगे लेट गए। मेयर की गाड़ी को आखिरकार बैक लेना पड़ा। परसरामपुरिया का आरोप था कि एक साल से लोग गंदगी से परेशान हैं और अधिकारी सुनवाई नहीं करते।
डिप्टी मेयर लोगों के रोष से बचते फिर रहे हैं
कमेटी में डिप्टी मेयर मनीष पारीक भी शामिल हैं, लेकिन वे जनता के विरोध को देखते हुए दौरों से बचते फिर रहे हैं। शहर की सफाई के लिए वे भी मेयर जितने ही जिम्मेदार हैं, क्योंकि सफाई समिति के चेयरमैन भी उनकी ही पार्टी के हैं और बोर्ड में बहुमत भी डिप्टी मेयर का ही है, लेकिन डिप्टी मेयर सफाई सुधार अभियान के दूसरे दिन भी दौरे पर नहीं गए।
मंच पर आया मंत्री-मेयर विवाद
यातायात मंत्री बृजकिशोर शर्मा और मेयर ज्योति खंडेलवाल के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर मंच पर आ गया। शनिवार को आमेर रोड पर नगर निगम कॉलोनी में सीमेंट कंक्रीट रोड के लोकार्पण समारोह में यातायात मंत्री ने निगम की ओर से हर वार्ड में लगाई जा रही 25 लाइटों को ऊंट के मुंह में जीरा करार देते हुए महापौर पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि महापौर साहिबा, हर वार्ड में 25 तो चौराहे ही होते हैं। इतने ही तिराहे होते हैं। फिर गलियां। ये सब कहां जाएंगे। शर्मा ने कहा कि इसके आगे जीरो लगाओ, तब जाकर बात बनेगी।
शर्मा यही नहीं रुके, उन्होंने जलमहल सीवर लाइन के अटके काम पर भी निगम को आड़े हाथ लिया। महापौर ने इससे पहले अपने भाषण में विकास कार्यो का बखान करते हुए कहा था निगम हर वार्ड में 25 रोड लाइटें लगा रहा है। इसके अलावा हर वार्ड में 25 करोड़ के विकास कार्य कराए जाएंगे। समारोह के मुख्य अतिथि नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जयपुर में अगले वित्तीय वर्ष में सीवरेज की समस्या के समाधान के लिए मास्टर ड्रेनेज प्लान लागू होगा। इसमें 1200 करोड़ रुपए का खर्चा है।
कुछ प्रतीक्षा कीजिये. बरवक्त आपको फराहम हो जाएगा .
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