इस शादी में न तो फेरे हुए और न ही आनंद कारज करवाए गए। फगवाड़ा के वकील तथा साहित्यकार डा.एसएल विरदी ने अपने बेटे की शादी में समाज के लिए नई मिसाल पेश की। विरदी के बेटे मानव, जो हाल ही में जज के पद के लिए चयनित हुए हैं, की शादी जिला एवं सैशन जज लुधियाना एसपी बंगड़ की जज चयनित हुई बेटी डेजी के साथ सम्पन्न हुई।
समाज में प्रचलित प्रथा से हटते हुए विरदी ने अपने बेटे की शादी के लिए भेजे निमंत्रण पत्र के साथ न कोई डिब्बा न मिठाई भेजी। साथ ही निमंत्रण पर लिख दिया कि किसी प्रकार का शगुन या गिफ्ट न दिया जाए और उन्होंने अपने कथन को पूरा भी किया। विरदी परिवार ने अपने सगे संबंधियों व रिश्तेदारांे से भी शगुन के रूप में कोई भेंट स्वीकार नहीं की।
मानव तथा डेजी विवाह से पूर्व स्टेज पर आए तथा दोनों ने तीन-तीन प्रतिज्ञाएं ली। पहले मानव ने उपस्थित मेहमानों को गवाह मानते हुए डेजी को अपना जीवन साथी स्वीकार किया। साथ ही उसने अपनी जीवन साथी के माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों का जीवन भर सम्मान करने की शपथ ली। तीसरी प्रतिज्ञा में उसने समाज में बढ़ रही हिंसा, खींचतान, दिखावा, फरेब तथा आपसी नफरत जैसी बुराइयों को कम करने में अपना योगदान देने की शपथ ली।
इसी प्रकार डेजी ने मानव को अपना जीवन साथी स्वीकार करते हुए यही तीन प्रतिज्ञाएं लीं और विवाह सम्पन्न हो गया। इस बारे में बात करने पर दूल्हे मानव ने कहा कि उनके माता-पिता महात्मा बुद्ध के अनुयायी हैं। इस लिए उन्होंने शादी भी बौध धर्म के अनुसार ही की है। डेजी का कहना था कि उनकी शादी बहुत शालीन व सादे ढंग से हुई है और वे इससे बहुत खुश हैं। डा. विरदी ने कहा कि वे चाहते थे कि शादी बेहद सादे ढंग से हो। दोनों परिवारों ने इस पर विचार किया तो यह सहमति बनी शादी बुद्ध रीति रिवाजों के अनुसार की जाएगी, तो ठीक वैसे ही किया गया।
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