नई दिल्ली. टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल पर लग रहे हेराफेरी के आरोपों के बीच कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ साथ- साथ आवाज उठाने वाले बाबा रामदेव ने भी अन्ना हजारे के मकसद पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रामदेव ने कहा है कि टीम अन्ना को जनलोकपाल से आगे सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल से भ्रष्टाचार खत्म होने की बात भ्रामक है। अमेरिका को काले धन का सरगना बताते हुए रामदेव ने कहा, ‘मेरे और अन्ना हजारे के लिए अमेरिका का रुख अलग है।’ उन्होंने कहा कि काले धन पर टीम अन्ना बहुत कम बार बोली है। रामदेव ने यह भी कि अच्छे कार्यों के लिए विदेशी फंड लेने में कोई बुराई नहीं है।
हाल में टीम अन्ना का साथ छोड़ने वाले राजेंद्र सिंह ने भी टीम पर निशाना साधा है। मैग्सेसे पुरस्कार विजेता ने कहा कि टीम अन्ना दूसरों को उपदेश देती है तो उसे भी पारदर्शिता बरतनी चाहिए। राजेंद्र सिंह ने अरविंद केजरीवाल से कहा कि वो अन्ना हजारे के आंदोलन के लिए दिए गए चंदे को लेकर जारी विवाद पर खुद को पाक साफ साबित करें। सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले में पारदर्शिता नहीं दिखाई देती, जैसा टीम अन्ना के लोग उपदेश देते हैं।
हिसार उपचुनाव के दौरान कांग्रेस विरोधी अभियान के चलते टीम अन्ना से अलग हुए राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि टीम अन्ना की इस मामले में भी गलती हो सकती है जैसा उन्होंने हाल में ‘पार्टी पॉलिटिक्स’ में पड़कर किया है। उन्होंने कहा, ‘हम सुपर ह्यूमन नहीं हैं और हम सभी से गलती हो सकती है लेकिन अब इसे स्वीकार करने का वक्त आ गया है।’
इस बीच केजरीवाल पर लग पर रहे आरोपों पर टीम ने आज सफाई दी है। टीम के सदस्य मनीष सिसौदिया ने कहा कि पैसे की कोई हेराफेरी नहीं हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को मिलने वाले चंदे का पीसीआरएफ (पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन) के खाते से ही लेन-देन होता है।
सिसौदिया ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को मिलने वाले चंदे का पीसीआरएफ (पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन) के खाते से ही लेन-देन होता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई हेराफेरी नहीं हुई है।' इस सवाल पर कि रामलीला मैदान में अनशन के दौरान मिले चंदे को पीसीआरएफ के अकाउंट में ही क्यों जमा कराया गया? सिसौदिया ने कहा, 'आईएसी आंदोलन है। किसी आंदोलन का बैंक अकाउंट नहीं होता है बल्कि रजिस्टर्ड संस्थान का ही बैंक में खाता खुलता है। चूंकि पीसीआरएफ का खाता पहले से ही था, इसलिए उसमें पैसे जमा करा दिया गया।'
हालांकि इस आरोप के बाद अभी तक केजरीवाल की ओर से कोई सफाई नहीं आई है। लेकिन सिसौदिया ने कहा, 'हमारी आय और खर्च का ब्यौरा पहले से वेबसाइट पर है। हमने पिछले 6 महीने का विशेष ऑडिट कराया है और इसका विवरण इस महीने के अंत तक वेबसाइट पर डाल दिए जाएंगे।'
कभी टीम अन्ना का हिस्सा रहे स्वामी अग्निवेश ने आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है कि रामलीला मैदान में अन्ना के आंदोलन के दौरान बतौर चंदा मिले 80 लाख रुपये को केजरीवाल ने अपने एनजीओ के खाते में जमा करा दिए हैं। अग्निवेश के आरोपों के बारे में सिसौदिया ने कहा, ‘हमारी स्वामी अग्निवेश से कोई लड़ाई नहीं है और हो सकता है कि वह नाराजगी के चलते इस तरह का आरोप लगा रहे हों। बड़े जो कुछ कहें, उसका पलटवार करना हमारी परंपरा नहीं है। वह अच्छे व्यक्ति हैं और हम उनका सम्मान करते हैं।'
अग्निवेश के करीबी मनु सिंह ने दावा किया कि रालेगण सिद्धि में इंडिया अगेंस्ट करप्शन की आखिरी बैठक में अन्ना इस मसले को लेकर बेहद निराश थे और उन्होंने खातों का उचित रखरखाव करने को कहा था। उस वक्त केजरीवाल ने वादा किया था कि इस रकम को इंडिया अगेंस्ट करप्शन के खाते में कुछ ही दिन में जमा कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक नहीं हुआ। इन आरोपों पर सिसौदिया ने कहा, ‘हमने रालेगण सिद्धि में हुई कोर समिति की बैठक में मौजूद सभी सदस्यों से पीसीआरएफ का ट्रस्टी बनने को कहा था। रामलीला मैदान पर हज़ारे के अनशन के दौरान ही घोषणा कर दी गयी थी कि दानराशि पीसीआरएफ के नाम से ही इकट्ठा की जाएगी।'
करीब हफ्ते भर पहले इस सवाल का जवाब देते हुए कि टीम अन्ना को मिल रहे चंदे को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया, केजरीवाल ने कहा था कि आमतौर पर साल भर पर किसी संस्था को मिले रकम का ऑडिट कराया जाता है कि लेकिन टीम अन्ना रामलीला मैदान में मिली रकम का स्पेशल ऑडिट करा रही है और हफ्ते भर के भीतर वेबसाइट पर पूरा ब्यौरा डाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि टीम अन्ना के सभी सदस्य लेन-देन में पारदर्शिता बरतते रहे हैं। हालांकि अभी तक यह ब्यौरा सार्वजनिक नहीं हो सका है।
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