तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 अक्तूबर 2011
भ्रष्टाचार का शिष्टाचार से युद्ध हिसार में कोंग्रेस ने अन्ना के खिलाफ पूरी ताकत झोंकी
जी हाँ दोस्तों हरियाणा के हिसार चुनाव में अन्ना को कोंग्रेस के प्रत्याक्षी को जन्लोक्पाल बिल का समर्थन नहीं करने पर चुनाव में हरा देने की अपील के बाद कोंग्रेस और उसके सियासी लोगों ने कमर कस ली है और उनमे से कुछ लोगों ने एक बार फिर चोरी और सीना जोरी की तर्ज़ पर लोकपाल बिल भी नहीं और चुनाव भी जीत कर बतायेंगे की रणनीति बनाना शुरू कर दी है ..दोस्तों अन्ना को दिल्ली में भ्रस्ताचार के खिलाफ बेहद ऐतिहासिक समर्थन मिला देश का सर गर्व से ऊँचा हुआ लेकिन एक बात है जो मुझे शर्म के साथ कहना पढ़ रही है के हमारे देश की जनता बढ़ी अजीब होती है पावर के साथ रहती है और उसी के तलवे चाटती है सच का विरोध इमानदार को चोर बताना इनकी पुरानी आदत है इतना ही नहीं देश में जब जब भी इमानदारी का धर्मयुद्ध हुआ तब तब देश में इमानदारी हारी है और भ्रष्टाचार और उसके सहयोगी डंके की चोट पर चुनाव जीते हैं ..देश में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के जूदेव जी जिन्हें खुलेआम रिश्वत लेते बताया गया एक तरफ चुनाव की वोटिंग दूसरी तरफ उन्हें रिश्वत लेते हुए बताये जाने का खुला प्रसारण लेकिन नतीजा क्या हुआ जनता ने मतदाता ने बेईमानी फेला रहे जूदेव को चुना और लोकतंत्र पर धब्बा लगा दिया ....हिसार में भी कोंग्रेस की हठधर्मिता के खिलाफ अन्ना का यह महायुद्ध धर्म युद्ध यानी बेईमानी पर इमानदारी की जीत का युद्ध है लेकिन मेरा दावा है के इस बार भी अन्ना की ईमानदारी का वही हश्र होगा जो देश में अक्सर होता आया है जनता कहने को तो अन्ना के साथ है लेकिन वोट में सभी हथ कण्डों के आगे नतमस्तक होकर कोंग्रेस को ही जिताएगी और हाँ कोंग्रेस और कोंग्रेस के नेताओं ने अन्ना के आगे झुकने की जगह जनता और वोटर की इसी आदत की वजह से अन्ना को चुनोती देने का मन बनाया है कोई अन्ना को पागल कोई संघ समर्थक तो कोई अन्ना को चोर बेईमान कहने पर तुला है कोंग्रेस देश भर के नेता और गुंडों को हिसार में इस चुनाव को जिताने में लगाना चाहती है जनता का यही तो मिजाज़ है के देश में कोंग्रेस हो चाहे मोदी हों चाहे दूसरी पार्टियाँ हो सभी डंके की चोट पर चोरी और सीनाजोरी करते हैं .देखते हैं इस बार लोकतंत्र का हिसार में क्या हश्र होता है ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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