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03 अक्तूबर 2011

स्‍पीकर ने दी गाली, विधायक ने पंखा फेंक कर मारा और कहा गद्दार


जम्‍मू. पैसा लेकर नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता को एमएलसी बनाने का आश्वासन देने वाले नेता मोहम्मद यूसुफ की कथित हिरासती मौत को लेकर जम्‍मू कश्‍मीर की सियासत गर्म हो गई है। इस मुदद्दे पर विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। तो विपक्षी पीडीपी के आरोपों पर सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने अवमानना नोटिस भेजने की धमकी दे डाली। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्‍थगित करनी पड़ी है। एक बार तो विधानसभा अध्‍यक्ष मोहम्‍मद अकबर लोन आपा खो बैठे और पीडीपी विधायक मौलवी इफ्तखार हुसैन को गालियां दे डाली। प्रमुख विपक्षी दल पीडीपी के सदस्यों ने इस पर जमकर हंगामा किया और विधानसभा अध्यक्ष पर पंखा फेंक दिया। हालांकि, स्‍पीकर बाल-बाल बच गए।

तीखे आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधानसभा अध्यक्ष और पीडीपी विधायक ने एक-दूसरे पर खूब आरोप जड़े। विपक्षी सदस्य ने स्पीकर को गद्दार तक कह दिया। हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही शुरू में आधे घंटे के लिए टालनी पड़ी। पीडीपी ने उमर अब्दुल्ला की पूरे मामले में भूमिका की जांच की मांग की है। स्‍पीकर ने भी सदन की कार्यवाही के दौरान अपने गुस्‍से पर काबू नहीं रख पाने के लिए माफी मांग ली है।

इससे पहले पीडीपी ने सोमवार को विधानसभा में चर्चा करवाने के लिए स्पीकर को काम रोको प्रस्ताव सौंपा। प्रस्ताव सौंपने का फैसला रविवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के निवास पर हुई आपात बैठक में लिया गया। पीडीपी प्रवक्ता ने बताया कि इस मौत के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्य गृहमंत्री, मुख्यमंत्री का स्टाफ तथा क्राइम ब्रांच के कुछ अधिकारी शक के दायरे में हैं। इसलिए इसकी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच आवश्यक है। पीडीपी ने सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला के इस्‍तीफे की भी मांग की है। आरोप है कि अब्‍दुल्‍ला के सीएम रहते मामले की निष्‍पक्ष जांच नहीं हो सकती।

जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते पीडीपी इस मौत से जुड़ी हर बात को सामने लाने का प्रयास कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि इस मौत में पैसे की खातिर सत्ता के दुरुपयोग की बात भी सामने आई है, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला को अपने पदों से त्यागपत्र देना चाहिए। प्रवक्ता का कहना है कि पीडीपी काम रोको प्रस्ताव के जरिए चर्चा कर सच्चाई लोगों के सामने लाना चाहती है। राथर ने उमर का बचाव किया : मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के त्यागपत्र की पीडीपी की मांग को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथर ने मुख्यमंत्री का बचाव किया। राथर ने कहा कि नेकां नेता की मौत पर पीडीपी राजनीति कर रही है। राथर ने कहा कि मात्र आरोपों के आधार पर मुख्यमंत्री को त्यागपत्र देने के लिए नहीं कहा जा सकता।
पीडीपी को अवमानना नोटिस भेजेंगे उमर
सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला अपने ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर पर पीडीपी पर आज जमकर बरसे। उन्‍होंने कहा, ‘मेरी खामोशी का मेरे खिलाफ इस्‍तेमाल किया जा रहा है।’ नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता यूसुफ शाह की मौत को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार देते हुए उमर ने कहा कि मामले की न्‍यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पीडीपी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सीएम ने अवमानना नोटिस भेजने की धमकी दी है। उन्होंने दावा किया कि जरूरत पड़ी तो वो जांच समिति के सामने पेश होने के लिए भी तैयार हैं। उन्‍होंने कहा, ‘अगर कुछ छिपाना होता तो न्‍यायिक जांच के आदेश नहीं देता।

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