प्रेम में पड़े प्रेमी और प्रेमिका दोनों में बड़ी ही तेजी से बहुत कुछ बदलने लगता है। देखते ही देखते चेहरे की चमक, चाल, बोलने का अंदाज और आंखों में जादुई असर तैरने लगता है।प्रेम की भावना में पूरी तरह से बड़ी गहराई से डूबे होने से इंसान का नजरिया इस कदर बदल जाता है कि उसका असर उसके शरीर पर भी साफ-साफ दिखने लगता है। यह सब मन का खेल है।
जैसे ही प्रेमी या प्रेमिका का नजरिया सकारात्मक होकर प्रेम की कोमल तथा समर्पण की भावनाओं से भरने लगता है वैसे ही उसका पूरा का पूरा व्यक्तित्व ही बदलने लगता है। सच्चे प्यार में डूबा हुआ व्यक्ति कई तरह से बदलने लगता है। देखने में पहले से ज्यादा सुंदर होने के साथ ही वह मिलनसार, मददगाद और व्यवहार कुशल भी होने लगता है।
प्रेम में पड़े व्यक्ति के बदलने के पीछे सबसे बड़ा कारण उसका बदला हुआ नजरिया ही होता है। यदि हम प्रेम में पड़ गये हो तो हमारा देखने का नजरिया बिलकुल बदल जायेगा और प्रेम में नहीं हो तो उस तरह से बिलकुल नहीं देख पाते है। एक साधारण स्त्री प्रेम के कारण अति सुन्दर हो जाती है। और वहीं व्यक्ति कुरूप् भी हो सकता है यदि हम घृणा से भरे हो।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 अक्तूबर 2011
तो इसलिए प्यार में पढऩे वाला हो जाता है खूबसूरत
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)