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29 अक्तूबर 2011

केजरीवाल को क्‍लीन चिट: विश्‍वास की मांग खारिज, हेगड़े की राय को भी किया नजरअंदाज


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गाजियाबाद.टीम अन्‍ना ने फैसला किया है कि कोर कमेटी भंग नहीं होगी। शनिवार को पांच घंटे चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।

टीम के एक सदस्‍य कुमार विश्‍वास ने मांग की है कि मौजूदा कोर कमेटी भंग कर 121 करोड़ लोगों की हार्ड कोर कमेटी बनाई जाए। लेकिन किरण बेदी ने बैठक के लिए गाजियाबाद पहुंचने पर कहा था कि यह विश्‍वास की निजी राय हो सकती है। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि सर्वसम्‍मति से फैसला लिया गया कि कोर कमेटी भंग करने की कोई जरूरत नहीं है।

बैठक में अन्‍ना हजारे, मेधा पाटकर, संतोष हेगड़े और कुमार विश्‍वास शामिल नहीं हुए। अन्‍ना रालेगण सिद्धि में मौन व्रत पर हैं। हालांकि वह अपने निजी सचिव के जरिए फोन से अपनी बात यहां पहुंचा रहे थे। केजरीवाल ने बताया कि मेधा ने किसी मधुरेश को अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा था।

केजरीवाल ने बैठक में पारित प्रस्‍ताव के बारे में बताया कि जनलोकपाल बिल पारित कराने का आंदोलन करोड़ो लोगों का आंदोलन है। यह आंदोलन अन्ना के नेतृत्व में चल रहा है। इसलिए कोर कमेटी को भंग करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके कोर कमेटी पर हमले कर रही है। कोर कमेटी पर हो रहे हमलों का हम मजबूती के साथ जवाब देंगे।


केजरीवाल ने बताया कि कोर कमेटी ने वर्किंग कमेटी द्वारा हिसार में जनलोकपाल बिल को मुद्दा बना कर कांग्रेस के विरोध में प्रचार करने के फैसले का पूरा समर्थन किया। हिसार में अभियान का मकसद यह चुनौती देना था कि जो पार्टी जनलोकपाल का समर्थन नहीं देगी उसके खिलाफ अपील की जाएगी। कोर कमेटी इस निर्णय को सही व सफल मानती है।


जबकि टीम अन्ना के अहम सदस्य पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े लगातार हिसार में टीम अन्‍ना के कांग्रेस विरोधी अभियान का विरोध करते रहे हैं। उन्‍होंने शनिवार को भी ऐसी ही राय दी (विस्‍तार से रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)। हेगड़े ने यह भी स्पष्ट कहा कि वो जनलोकपाल के मुद्दे पर अन्ना के साथ हैं और बाकी किसी भी बात से उनका कोई लेना देना नहीं है।
उधर, कोर कमेटी ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि अगर सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए संसद के शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल बिल पारित नहीं कराती है तो आने वाले समय में जिन पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, सब जगह कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील की जाएगी।

केजरीवाल के एनजीओ पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन (पीसीआरएफ) पर लग रहे आरोपों के बारे में कोर कमेटी के निर्णय के हवाले से केजरीवाल ने बताया कि पीसीआरएफ पिछले पांच साल से अस्तित्व में है और आंदोलन के खातों की जिम्मेदारी निभा रहा है। रालेगण में भी बैठक में निर्णय लिया गया था कि पीसीआरएफ इस जिम्मेदारी को निभाता रहेगा। उन्‍होंने कहा कि पैसों की हेराफेरी का आरोप पूरी तरह गलत है।

रविवार को अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण रालेगण में अन्‍ना से भी मिलेंगे। केजरीवाल ने कहा कि चूंकि अन्‍ना मौन व्रत पर हैं, इसलिए वे उनसे मिलने जा रहे हैं।

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