मेरे खून के आंसू देख कर
मेरे दर्द भरे किस्से सुनकर
देख लो जमाने को
यूँ नफरत होने लगी है
मोहब्बत से ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 अक्तूबर 2011
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भावपूर्ण रचना.....
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