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05 अक्तूबर 2011

राज पर बरसे उद्धव, कहा- कपटी-बेईमान और ‘नमकहराम

मुंबई.ठाकरे बंधुओं के बीच राजनीतिक रंजिश अब व्यक्तिगत दुश्मनी में बदलती जा रही है। मनसे अध्यक्ष व चचेरे भाई राज ठाकरे द्वारा चलाए गए व्यंग्य बाण के जवाब में मंगलवार को शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उन्हें सांकेतिक शब्दों में ‘कपटी’, ‘बेईमान’ और ‘नमकहराम’ तक कह डाला है।

राज ने कुछ दिनों पहले उनके फोटोग्राफी के शौक पर टिप्पणी की थी। इस पर उद्धव ने पलटवार करते हुए कहा कि मुझे मुफ्त में सलाह देने के बदले वह अपने अंदर के कपटी गड्ढों को पहले देखें। मराठी माणूस की एकता में फूट और दरार डालने का पाप करने वाला ‘कैमरे’ की मानवता और बेजुबान जानवरों का प्रेम क्या जाने?

उन्होंने इसके आगे मनसे अध्यक्ष पर भावनात्मक ढंग से वार करते हुए कहा, ‘जिस घर में अपनी परवरिश हुई और बड़े हुए। उसी घर से बेईमानी करने वालों के बारे में न बोलना ही अच्छा होगा। ऐसे नमकहराम से जंगल के वफादार जानवरों का फोटो खींचने में असली आनंद है।’

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को फालतू बकवास करने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं है। मुफ्त में सलाह देना। अच्छे कामों में टांग अड़ाना और अपने काम के बल पर बड़े हुए व्यक्ति के साथ फोटो खिंचा कर मुफ्त में पब्लिसिटी हासिल करना और यदि यह नहीं संभव हो पाया, तो उस परकीचड़ उछाल कर बदनाम करना, यह उनकी (राज ठाकरे) आदत है।

क्यों आया गुस्सा

नरेंद्र मोदी के उपवास के दौरान गुजरात जाकर आने पर सोमवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर व्यंग्य बाण चलाए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग विदेश में जाकर जानवरों का फोटो खींचते हैं।

ऐसे लोगों को मुंबई के गड्ढों का फोटो खींचकर अपना शौक पूरा करना चाहिए ताकि मुंबई की हालत कितनी बदतर हो गई है, इस बात का उन्हें पता चले। ठाकरे बंधुओं के बीच इस प्रकार की स्तरहीन जुबानी जंग छिड़ने पर मराठी भाषी लोगों में नाराजगी का माहौल है।

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