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03 अक्तूबर 2011

और भड़का जनाक्रोश: पूरे अमेरिका में फैल रही है विरोध की आग, पड़ोसी कनाडा भी चपेट में

न्यूयॉर्क. सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी और कॉरपोरेट जगत की नीतियों के खिलाफ अमेरिका में शुरू हुआ विरोध अब पूरे उत्तर अमेरिका में फैल रहा है। न्यूयॉर्क में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब अमेरिका के अन्य शहरों में फैलता जा रहा है। ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट यानी 'वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो' के नारे अब वॉशिंगटन, लॉस एंजिलिस, बोस्टन और प्रोविडेंस जैसे शहरों में भी सुनाई देने लगे हैं। आर्थिक गैरबराबरी पर जनता का गुस्सा सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश कनाडा में भी फूट रहा है। कनाडा के टोरंटो, वैंकुवर में भी लोग सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। सिर्फ टोरंटो में ही ८०० लोग विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं।


आंदोलन को ऑनलाइन सोशल नेटवर्कों पर भी तेजी से समर्थन मिल रहा है। सोशल वेबसाइट फेसबुक पर 'ऑकुपाई द वॉल स्ट्रीट' नाम से बनी कम्युनिटी को 66 हजार से ज़्यादा लोग पसंद कर रहे हैं। ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट वेबसाइट पर आयोजनकर्ताओं ने जानकारी दी है कि उनका आंदोलन अरब देशों में हुई क्रांति से प्रेरित है, जिसने कई देशों में लोकतंत्र की स्थापना की है। गुस्साए लोग मानते हैं कि अमेरिका में मौजूद सिस्टम सिर्फ अमीर और ताकतवर लोगों को देश के अन्य तबकों की कीमत पर फायदा पहुंचा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस सिस्टम के खात्मे का समय आ गया है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि ब्रुकलिन ब्रिज पर प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद कॉरपोरेट ताकतों के खिलाफ सड़क पर उतरने का उनका संकल्प और मजबूत हुआ है। मैनहेटन के निचले इलाके में जमा हुए विरोध प्रदर्शनकारियों ने उस जगह को लिबर्टी स्क्वॉयर का नाम दिया है। प्रदर्शनकारी पिछले दो हफ्तों से चौबीसों घंटे वहां जमा हैं।


जुकोटी पार्क में बड़ी तादाद में सैलानी, आंदोलन के समर्थक, संगीतकार, कई यूनियनों के सदस्य और युवा प्रदर्शनकारी इकट्ठा हैं। इनमें से ज़्यादातर ने पार्क में ही सर्द रात गुजारी, जिसमें उन्हें बारिश का भी सामना करना पड़ा। पार्क में प्रदर्शनकारियों के लिए खाने पीने का पूरा इंतजाम किया गया है। विरोध कर रहे ज़्यादातर लोगों ने खास किस्म की टी-शर्ट पहन रखी है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की तरह मार्च वगैरह नहीं किया। इस आंदोलन को अमेरिकी क्रांति का दर्जा दे रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पार्क में अनिश्चितकाल तक बैठे रहेंगे। इस आंदोलन के जरिए लोग बड़े पैमाने पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना चाहते हैं।

'ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट' का नारा लगा रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे भले ही सैकड़ों की ही तादाद में अभी सड़कों पर हैं, लेकिन वे लाखों लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक हफ्ते पहले ही प्रदर्शन का हिस्सा बने जस्टिन ब्राउन का कहना है, 'यह लोकतांत्रिक परंपरा का मामला है। यहां मौजूद हर आदमी को बोलने का मौका मिलना चाहिए।' एक और प्रदर्शनकारी ब्रेंडन बर्क का कहना है कि वह और उनके साथी अमेरिका की 99 फीसदी से ज़्यादा की आबादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बर्क के मुताबिक, 'श्वेत, अश्वेत, गरीब या अमीर। आप कहीं भी रहते हों। लेकिन हर व्यक्ति को आर्थिक असमानता का सामना करना पड़ रहा है।'

जुकोटी पार्क में 17 सितंबर से प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि शनिवार को पुलिस ने खुद उन्हें ब्रुकलिन ब्रिज की सड़क पर चलने को कहा था। जब वे फुटपाथ की बजाय सड़क पर चलने लगे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। न्यूयॉर्क में इस सिलसिल में ७०० प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। विरोध प्रदर्शन के दो आयोजक जोनाथन वेस्टिन और पीट नेगी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसमें वेस्टिन तो हिरासत से छूट चुके हैं लेकिन नेगी का अब तक पता नहीं चला है।

इस आंदोलन को अब कई मशहूर हस्तियों का समर्थन मिल रहा है। इसमें फिल्मकार माइकल मूर, अभिनेत्री सुजैन सरेंडन शामिल हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुक्त बाज़ार के मुखर विरोधी जोसफ स्टिगलिज भी रविवार को जुकोटी पार्क पहुंचे और अपने भाषण से वहां मौजूद लोगों का उत्साह बढ़ाया।

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