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12 अक्तूबर 2011

विदेशों में 462 अरब डालर काला धन जमा है।


पटना.जन चेतना यात्रा पर निकले भाजपा के शीर्ष नेता ला कृष्ण आडवाणी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन पटना में संवादाताओं से बातचीत में कहा कि विदेशों में 462 अरब डालर काला धन जमा है।

इस पर कांग्रेस ने उनसे पूछा है कि उनकी इस जानकारी का स्रोत क्या है।

आडवाणी ने बुधवार को यहां संवादददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पिछले आम चुनाव के समय वादा किया था कि दोबारा सत्ता में आने पर पहले सौ दिन में विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी। लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार श्वेत पत्न जारी करके यह बताए कि विदेशी बैंकों में देश का कितना कालाधन जमा है और इसे वापस लाने के लिए अब तक केन्द्र सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए
है।

आडवाणी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि केन्द्र सरकार को विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों के कुछ नाम बताए गए है। सरकार श्वेत पत्न के जरिए उन नामों का भी खुलासा करे।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आयकर विभाग को ऐसे नामों की छानबीन करने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार को चाहिए कि वह ऐसे लोगों को बचाने के बजाए उनका नाम सार्वजनिक करे।

आडवाणी ने कहा कि विदेशों में जमा काला धन या तो किसी भ्रष्ट राजनीतिज्ञ,अपराधी अथवा व्यापारी का है। ऐसे में यदि उनके नामों का खुलासा नहीं होता है तो लोगों को लगता है कि वे लोग किसी न किसी तरह से सरकार से जुड़े हुए है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल फाइनेंसियल इन्टीग्रीटी रिपोर्ट के अनुसार 1948 से 2008 के बीच भारत ने गैर कानूनी ढ़ंग से करीब 213 अरब डालर गंवाया है।

आडवाणी ने कहा कि वर्तमान में यह राशि करीब 462 अरब डालर है। उन्होंने कहा कि यह राशि भ्रष्टाचार,रिश्वत,कमीशन,आपराधिक गतिविधियों और कर चोरी के जरिए एकत्न की गई है।


उन्होंने कहा कि स्विस बैंक ने भी एक अनुमान में बताया है कि उसके यहां करीब 14 हजार अरब डालर जमा है और यह राशि रुस,ब्रिटेन और चीन से भी अधिक है और भारत सर्वोच्च स्थान पर है।

उन्होंने कहा यह राशि देश के पूरे कर्ज का तेरह गुणा अधिक है और उसमें हर साल लगातार वृद्धि ही हो रही है।

आडवाणी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जब केन्द्र में राष्ट्रीय जनतांत्निक गठबंधन (राजग) की सरकार थी उस समय स्विस कानून के अनुसार भारत सरकार उनके यहां जमा राशि के मामले में हस्तक्षेप नही कर सकती थी। लेकिन जब अमेरिका में आर्थिक स्थिति बिगड़ी तब स्विस बैंकों को जानकारी देने के लिए मजबूर किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भ्रष्टाचार को लेकर प्रस्ताव पारित किया जिसके बाद जर्मनी,फ्रांस और अमेरिका अपनी संपत्ति वापस लाए।

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने वर्ष 2009 में प्रधानमंत्नी को पत्न लिखकर विदेशों में जमा कालाधन को वापस लाने का आग्रह किया और कहा कि यदि कालेधन को वापस लाया जाता है तो इससे देश की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

आडवाणी ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्नी लगातार कहते आ रहे हैं कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी की अपेक्षा है कि सरकार इस मामले में देश को विश्वास में ले और वास्तविक स्थिति से देश की जनता को अवगत कराए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'जन चेतना यात्रा' को मजबूती दी है। उन्होंने सरकार से विदेशों में जमा काले धन पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।



पटना में संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई पर केंद्र सरकार गम्भीर नहीं है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश इन समस्याओं से जूझ रहा है परंतु सरकार इस पर गम्भीर नहीं है।

आडवाणी ने बिहार की प्रशंसा करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा इस यात्रा में भाग लेने के बाद इस यात्रा को मजबूती मिली है, जिसके लिए उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यात्रा का स्वागत किया गया है, वह उत्साहित करता है।"

पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले संसद सत्र में विदेशों में जमा काले धन के विषय पर केंद्र सरकार श्वेत पत्र जारी करे तथा उन व्यक्तियों के नाम सामने लाए जिन्होंने विदेशों में काला धन जमा कर रखा है।

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नाम के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रश्न इस समय उचित नहीं हैं, फिर भी किसी भी पद के लिए नाम तय करना पार्टी का काम है और पार्टी ही तय करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे भी अभी चुनाव नहीं है, लेकिन चिंता की बात यह है कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं।


बुधवार को लालकृष्ण आडवाणी की 'जन चेतना यात्रा' बिहार के ऐतिहासिक और कुछ पौराणिक पृष्ठभूमि वाले स्थलों से गुजतरे हुए मंदिरों की नगरी काशी में प्रवेश करेगी।


पटना से निकलकर आडवाणी की यात्रा का पहला पड़ाव होगा आरा। स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और 80 साल की उम्र में लाठियों से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली जगदीशपुर आरा से महज 10 किलोमीटर के दायरे में है।

आडवाणी आरा के रमना मैदान में वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और वहां एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करेंगे। फिर उनका कारवां भोजपुर की माटी से गुजरते हुए ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले स्थल बक्सर पहुंचेगा।
बक्सर का पौराणिक महत्व महर्षि विश्वामित्र के आश्रम की वजह से है, जहां भगवान राम ने ताड़का का वध किया था। यह स्थान 1764 की बक्सर की लड़ाई के ऐतिहासिक महत्व को भी रेखांकित करता है।
आडवाणी बक्सर के किला मैदान में जनसभा को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद उनका काफिला चौंसा पहुंचेगा। ऐतिहासिक चौंसा के बाद कैमूर की पहाड़ियों से होते हुए आडवाणी की यात्रा उत्तर प्रदेश की पावन नगरी वाराणसी पहुंचेगी। वाराणसी आडवाणी की यात्रा के दूसरे दिन का आखरी पड़ाव होगा।
आडवाणी की यात्रा के सम्बंध में बताते हुए बिहार भाजपा के प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा,"पटना से बनारस की यात्रा के बीच आडवाणी की चार जनसभाएं होंगी और कम से कम छह स्थानों पर उनका स्वागत किया जाएगा।"

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