कोटा.हाड़ौती की रामलीलाओं में रावण का किरदार निभाने वाले पात्रों ने दशानन की वेशभूषा धारण कर रविवार को जब पुराने कोटा में जुलूस निकाला तो लोग हैरत में पड़ गए। जुलूस का मकसद था रावण की भूमिका निभाने वाले इन लोगों द्वारा समाजसेवा के कार्यो में सक्रिय भागीदारी निभाना।
खास तौर से भिक्षावृति को राजस्थान से खत्म करने की मुहिम छेड़ना। इसकी शुरूआत कोटा से की गई और एक जनवरी से इस शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने का व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
इस जुलूस के माध्यम से जनता तक यह संदेश भी पहुंचाना था कि जिस रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है, जब वो ही बुराइयों से लड़ने के लिए मैदान में उतर चुका है तो लोगों में अच्छा बनने की अक्ल क्यों नहीं आती।
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