मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एन.के.जैन (प्रथम) की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को राजेश कुमार शर्मा की पत्र याचिका पर दिया।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन.माथुर को मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया। गौरतलब है कि पत्र याचिका में शर्मा ने डॉक्टर्स की हड़ताल को चुनौती देते हुए कहा कि उनकी हड़ताल के कारण मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी होती है।
हड़ताल के कारण मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पाता और उन्हें असुविधा होती है। ऐसे में डॉक्टर्स को हड़ताल मरीजों के जीवन के लिए घातक है और उन्हें हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए क्योंकि डॉक्टर्स की हड़ताल गैरकानूनी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों एसएमएस अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी हुई थी।
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