जयपुर.महंगी बिजली दर का विरोध कर रहे प्रदेशभर से आए उद्योगपतियों पर शुक्रवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे 11-12 उद्योगपतियों के सिर, हाथ व पैर पर चोटें आई हैं।
उद्योगपतियों ने इस कार्रवाई को बर्बरतापूर्ण बताया है और दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की। पांच घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया तथा बढ़ी दरें वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
सोलह दिन से प्रदेशभर के उद्योगपति व व्यापारी आंदोलन कर रहे हैं और उद्योग मैदान में धरना दे रहे हैं। इसके बावजूद सरकार ने वार्ता की पहल नहीं की। इससे नाराज उद्योगपति सुबह 11 बजे विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन दफ्तर से वाहन रैली निकालकर वे कलेक्ट्रेट सर्किल पहुंचे।
उद्योगपति व व्यापारी सुबह 11.30 से शाम 4 बजे तक कलेक्ट्रेट सर्किल पर जमे रहे तथा खुले ट्रक पर बने मंच से भाषण देते रहे। इन पांच घंटों के दौरान पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश से हटाने की कोशिश ही नहीं की, बल्कि एक बार जबरन रास्ता खुलवाने तथा वाहनों को क्रेन से हटाने की कार्रवाई की।
इससे उद्योगपति व व्यापारी भड़क गए और दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति बन गई। इससे लाठीचार्ज करने तक की नौबत आ गई।
यूकोरी के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने बताया कि सरकार ने उद्योगपतियों की परेशानी दूर करने के बजाय लाठीचार्ज कर भड़काने का काम किया।
इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार व बिजली वितरण कंपनियों की हठधर्मिता से उद्योगपतियों को अपना काम धंधा छोड़कर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
एक अक्टूबर के उद्योगों के बिल जमा नहीं कराएंगे और 11 अक्टूबर को प्रदेशभर के उद्योगपतियों व व्यापारियों का महासंगम होगा, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार होगी।
पुलिस नाकाम, परेशान जनता
उद्योगपतियों ने विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया से वाहन रैली शुरू की थी, लेकिन विश्वकर्मा थानाधिकारी इसका अनुमान नहीं लगा पाए तथा रैली के साथ खुद भी रवाना हो गए।
इसके बाद रैली विद्याधर नगर, मुरलीपुरा व बनीपार्क थाना क्षेत्र से भी गुजरी, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में एक साथ वाहनों के जाने तथा कलेक्ट्रेट सर्किल पर वाहन की पार्किग व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों की सोच फेल साबित रही तथा व्यापारी कलेक्ट्रेट सर्किल जाम करने में सफल रहे। जिसका खमियाजा आम जन को उठाना पड़ा।
5 किमी के दायरे में यातायात जाम
उद्योगपति वाहन रैली में शामिल होने के लिए अपनी लक्जरी गाड़ियां लेकर आए। इससे चिंकारा कैंटीन व पानीपेच तक वाहनों की कतार लग गई। कलेक्ट्रेट सर्किल पर उद्योगपतियों व व्यापारियों की ओर से रास्ता रोक देने से पांच किमी के दायरे में यातायात इंतजाम गड़बड़ा गए।
लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए बनीपार्क इलाके की गलियों में चक्कर लगाते रहे। दोपहर एक बजे स्कूलों की छुट्टियां होने के बाद स्थिति और खराब हो गई।
यातायात पुलिसकर्मियों के नहीं होने से लोगों ने ही व्यवस्थाएं संभाली। इससे चौमू पुलिया, कांवटिया सर्किल, चांदपोल, रेलवे स्टेशन, सिंधीकैंप तक दिनभर जाम की स्थिति रही।
आंदोलनकारी बोले- राज्य सरकार संवेदनहीन
उद्योगपतियों ने सभा के दौरान सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। यूकोरी के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने बताया कि सरकार ने लाठीचार्ज कर उद्योग जगत को भड़काने का काम किया।
उद्योगों से 75 लाख मजदूर भी जुड़े हैं, जिनकी चिंता सरकार को नहीं है। उद्योगपति 1 अक्टूबर से बिल जमा नहीं कराएंगे। 11 अक्टूबर को उद्योगपति-व्यापारियों का महासंगम होगा।
प्रदर्शन में यूकोरी सहित भिवाड़ी, अलवर, खैरथल, जयपुर, भरतपुर, कोटा, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, किशनगढ़, राजसमंद सहित प्रदेशभर से उद्योगपति शामिल हुए।
निजी अस्पताल भी विरोध में
बिजली दरें बढ़ाने के विरोध में निजी अस्पताल व लैब संचालक भी आ गए हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिग होम्स सोसायटी ने आंदोलन करने की चेतावनी दी।
अध्यक्ष डॉ. संजय आर्य ने बताया कि निजी अस्पताल 80 प्रतिशत जनता की चिकित्सा सेवाएं पूरी कर रहे हैं। उन्हें केवल संस्थानिक बिजली दरों के अनुसार ही बिल दिया जाए।
2002 में हो चुका ऐसा
बिजली की दरें बढ़ाने के खिलाफ 2002 में भी उद्योगपति सड़कों पर उतर आए थे। तब भी कलेक्ट्रेट पर वाहन रैली निकालने के दौरान ऐसी ही अव्यवस्था हो चुकी है।
प्रदेशभर के व्यापारियों का विश्वकर्मा एसोसिएशन के सामने महासंगम हुआ था। सरकार ने व्यापारियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था तथा बिजली दरों को कम करने का फैसला हुआ था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)