अन्ना को 16 अगस्त को अनशन के लिए जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था। दिग्विजय सिंह ने कहा, 'इस मसले (अन्ना की गिरफ्तारी) से और बेहतर ढंग से निपटने की जरूरत थी। इससे ज्यादा मुझे जो कुछ भी कहना है, मैं सीधे अपने नेताओं से कहूंगा।'
उन्होंने कहा, 'जब मैं ज्यादा बेहतर तरीके से निपटने की बात करता हूं तो मेरा मतलब है कि मसौदा (लोकपाल का) तैयार करने की प्रक्रिया से विपक्ष को अलग क्यों रखा गया। हमने एक अप्रत्याशित कदम उठाया। हमने यह सिर्फ अन्ना का आदर करते हुए ऐसा किया। पर इससे विपक्ष अलग क्यों रहा, इस बात ने भाजपा को काफी गुस्सा दिला दिया।'
अन्ना की तारीफ करते हुए दिग्विजय ने कहा, 'वह सीधे इंसान हैं, जो अनजाने में आरएसएस के जाल में फंस गए। मैं अन्ना को तब से जानता हूं, जब मीडिया उन्हें नहीं जानता था। मैंने उन्हें मध्य प्रदेश प्लानिंग बोर्ड का सदस्य बनाया था। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया था। वह साधारण, बेहतर और सार्थक इंसान हैं। पर उन्हें गुमराह किया गया। वह नहीं चाहते हुए भी आरएसएस का चेहरा बन गए। वह गांधीवादी हैं, पर उन्हें आरएसएस का समर्थन है। मैं उन्हें कभी एजेंट नहीं कहूंगा, लेकिन चेहरा जरूर बन गए हैं।'
दिग्विजय ने दावा किया कि उनके पास अन्ना को आरएसएस के समर्थन की चिट्ठी है। उन्होंने कहा कि भले ही न चाहते हुए अन्ना आरएसएस के जाल में फंस गए हैं, लेकिन आज यह एक सर्वविदित सच है।
आँखे - माखू दूसता, संघ - हाथ बकवाद ||
जवाब देंहटाएंअर्जुन का यह औपमिक, है औरस औलाद |
है औरस औलाद, कभी बाबा के पीछे ,
अन्ना की हरबार, करे यह निंदा छूछे |
सौ मिलियन का मद्य, नशे में अब भी राखे,
बड़का लीकर किंग, लाल रखता है आँखे ||
(२)
आतंकी की प्रशंसा , झेले साधु-सुबूत
जहल्लक्षणा जाजरा, महा-कुतर्की पूत |
महा-कुतर्की पूत, झाबुआ रेप केस में,
दोषी हिन्दू-संघ, बका था कहीं द्वेष में |
भागा भागा फिरा, किया भारी नौटंकी,
लिया जमानत जाय, चाट कर यह आतंकी ||
(३)
क्रूर तमीचर सा बके, साधु-जनों पर खीज ||
तम्साकृत चमचा गुरु, भूला समझ तमीज |
भूला समझ तमीज, बटाला मोहन शर्मा,
कातिल नहीं कसाब , बताता है बे-धर्मा |
कहे करकरे साब, मारता हिन्दू-लीचर ,
पागल करे प्रलाप, विलापे क्रूर-तमीचर ||
(४)
वो माया के फेर में, करे राम अपमान,
मिले राम-माया नहीं, व्यर्थ लड़ाए जान|
व्यर्थ लड़ाए जान, बुड़ाया अपनी गद्दी,
गले नहीं जब दाल, करे तरकीबें भद्दी |
बोला तब युवराज, अशुभ है इसका साया,
हूँ मुश्किल में माम, बड़ी टेढ़ी वो माया ||