जयपुर.भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में शुक्रवार शाम को उस समय माहौल फिर गर्मा गया, जब दौसा सांसद किरोड़ीलाल मीणा जिला प्रशासन की मनाही के बावजूद गोपालगढ़ होते हुए अंधवाड़ी गांव चले गए।
उधर, फायरिंग की घटना के 9 दिन बाद जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कर्फ्यू में ढील दी। इस दौरान गोपालगढ़ की मस्जिद पर पुलिस बल तैनात था, लेकिन कोई भी नमाज पढ़ने नहीं आया, जबकि अन्य क्षेत्रों में पुलिस की मौजूदगी में नमाज अदा की गई।
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पहाड़ी संवाददाता के अनुसार सांसद किरोड़ीलाल मीणा के गोपालगढ़ आने की सूचना जिला प्रशासन को पहले ही मिल गई थी। पुलिस ने वहां जाने के सभी रास्ते बंद कर रखे थे। सांसद मीणा शाम करीब 7 बजे कटी घाटी के रास्ते मोटर साइकिल से गोपालगढ़ के पास अंधवाड़ी गांव पहुंचे।
वहां उन्होंने सभा की और चले गए। मीणा ने सभा में मांग की कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद आकर शवों को दफन करवाएं और गृहमंत्री शांति धारीवाल को बर्खास्त किया जाए। इस पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जब तक अंधवाड़ी पहुंचे, तब तक मीणा वहां से निकल चुके थे।
पुलिस ने मजबूरी में चलाई गोलियां : कटारिया
पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि गोपालगढ़ में पुलिस ने मजबूरी में गोलियां चलाईं। एक तरफ से जब लगातार फायरिंग हो रही थी, उसे रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के निर्देश पर हाल ही कटारिया के नेतृत्व में तथ्यों की जानकारी लेने के लिए पार्टी की एक टीम गोपालगढ़ भेजी गई थी।
दसवें दिन खुला बाजार :
गोपालगढ़ के बाजार घटना के दसवें दिन शुक्रवार को खुले। इससे पहले एसपी विकास कुमार ने व्यापारियों से बात करके उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
सुबह 11 बजे से 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील के दौरान छिटपुट दुकानें ही खुल पाईं। हालात सामान्य होते देख जिला प्रशासन ने कफ्यरू में ढील का समय बढ़ाना शुरू कर दिया है। शनिवार को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील रहेगी।
दो मृतकों के परिजनों को दिए चैक :
गोपालगढ़ फायरिंग में मारे गए दो लोगों के परिजनों को पहाड़ी एसडीएम ने 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि के चैक दिए।
एक समुदाय को भड़काने का आरोप :
दौसा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के गोपालगढ़ दौरे पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आपत्ति जताई है। प्रदेश प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि सांसद मीणा इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। इस घटना को लेकर वे एक समुदाय की भावनाएं भड़काना चाहते हैं। दूसरी तरफ वे गुजरात में नरेन्द्र मोदी से गले मिलकर खुद को आरएसएस का सच्च सिपाही बताते हैं।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री जिम्मेदार :
गोपालगढ़ फायरिंग प्रकरण को गृहमंत्री शांति धारीवाल द्वारा जमीन के लिए दो समुदायों का झगड़ा बताने पर गुर्जर आरक्षण समन्वय समिति ने आपत्ति जाहिर की है।
समिति के सदस्य महेन्द्रसिंह खेड़ला ने एक बयान में कहा कि इस घटना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गृहमंत्री शांति धारीवाल और पुलिस महानिदेशक हरिश्चंद्र मीणा खुद जिम्मेदार हैं।
यह घटना जिला प्रशासन की गलती से हुई है। अगर जिला प्रशासन समय रहते जमीन के गलत इंद्राज को दुरुस्त कर लेता तो यह घटना ही नहीं होती।
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