पर्यटन सुविधाओं से जूझ रही ताजनगरी में पर्यटकों के साथ हो रही बदसलूकी. छलावे व छुटपुट विस्फोट की घटनाओं के बावजूद देशी-विदेशी पर्यटक ताज की खूबसूरती को निहारने आये. यही वजह है कि पर्यटन उद्योग अब धीरे-धीरे परवान चढने लगा है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने बताया कि आंकडों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2010-2011 में ताजनगरी में ताजदर्शन को 41 लाख से अधिक देशी तथा छह लाख से ज्यादा विदेशी पयर्टक आये जबकि दिल्ली की कुतुबमीनार दूसरे तथा लालकिला तीसरे और मुम्बई का एलोरा पर्यटकों की संख्या के हिसाब से चौथे स्थान पर रहा.
पर्यटकों की आमद को देखते हुए यहां की पर्यटन सस्थाओं ने खुशी जाहिर की है. होटल एण्ड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि ताजनगरी में आने वाले सभी पर्यटकों का ताज के पूर्व गेट पर भारतीय परम्परा के अनुसार स्वागत किया जायेगा.
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